पहले KKR और उसके बाद राष्ट्रीय टीम। हर्षित राणा को अवसर देने के पीछे गौतम गंभीर थे। इसके लिए उनकी काफी आलोचना हुई। ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ से पहले पूर्व क्रिकेटर कृष्णमाचार्य श्रीकांत ने सीधे बताया कि गौतम गंभीर हर्षित राणा को ज्यादा अवसर देते हैं। हालांकि हर्षित ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ को छोड़कर किसी भी अंतरराष्ट्रीय सीरीज़ में ज्यादा प्रभाव नहीं दिखा पाए लेकिन जब भी उन्होंने प्रदर्शन किया, हर बार आलोचकों को जवाब दिया। उनके इस कमबैक की पारी के पीछे वही गौतम गंभीर हैं।
सिडनी में हर्षित ने 8.4 ओवर गेंदबाजी करके 39 रन देकर चार विकेट लिए। केवल 23 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर यह पारी प्रशंसनीय है। सिर्फ गेंदबाजी ही नहीं, बल्लेबाजी में भी उन्होंने खुद को साबित किया। दूसरे वनडे में टीम हार गई लेकिन हर्षित का कैमेलो न होता तो टीम कम से कम मुकाबला भी नहीं दे पाती।
ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद हर्षित के बचपन के कोच श्रवण कुमार ने बताया कि ODI सीरीज में मौका पाकर हर्षित और गौतम गंभीर के बीच क्या बातचीत हुई थी। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज में हर्षित को टीम में लेने के बाद गौतम गंभीर जिस आलोचना का सामना कर रहे थे, उसके बाद उन्होंने हर्षित को चेतावनी दी। उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शन करो, वरना टीम से बाहर कर दूँगा।’ टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए इंटरव्यू में श्रवण कुमार ने कहा, ‘हर्षित मुझे फोन करके बताता है कि वह प्रदर्शन करके बाहरी आवाज़ को बंद करना चाहता है। मैं उसे कहता हूँ, अपने ऊपर भरोसा रखो। मुझे पता है कि कुछ क्रिकेटर हर्षित को गौतम गंभीर का पसंदीदा खिलाड़ी मानते हैं, लेकिन हर्षित की प्रतिभा को समझने वाला एकमात्र व्यक्ति गौतम गंभीर ही हैं।’
हर्षित राणे के मामले में गौतम गंभीर पर नेपोटिज़्म का आरोप है। इस पर हर्षित के कोच उनका और अधिक समय देने के पक्ष में हैं। उन्होंने कृष्णमाचारी श्रीकांत की भी निंदा की। उन्होंने कहा, ‘सेवानिवृत्ति के बाद क्रिकेटर आय के लिए यूट्यूब चैनल शुरू करते हैं, लेकिन ऐसे व्यक्ति की निंदा नहीं करनी चाहिए, जो अभी खेलना शुरू ही किया है। मार्गदर्शन दें, लेकिन यूट्यूब की व्यूअरशिप बढ़ाने के लिए जो मनचाहा बोलें, ऐसा न करें।’