मां दर्जी, पिता वेल्डर, मैदान पर 8 गेंदों में 8 छक्के लगाने वाले आकाश की ज़िंदगी किसी फिल्म से कम नहीं

अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ सिर्फ 11 गेंदों में अर्धशतक लगाकर आकाश कुमार ने एक नया इतिहास रचा। 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने लगातार 8 छक्के जड़े।

By तानिया राय, Posted by: श्वेता सिंह

Nov 10, 2025 15:52 IST

रणजी ट्रॉफी 2025 के प्लेट ग्रुप में आकाश कुमार ने जो किया, वह सिर्फ एक विश्व रिकॉर्ड नहीं बल्कि एक सपने के सच होने की कहानी है। स्कूल की बेंच पर बैठकर क्रिकेटर बनने का सपना देखने वाला वह लड़का आज इतिहास लिख चुका है। उसकी कड़ी मेहनत, और माता-पिता का निस्वार्थ समर्थन — सब मिलकर यह कहानी “असंभव को संभव” करने का प्रतीक बन गई है।

मां दर्जी, पिता वेल्डर — लेकिन बेटे के सपनों में कोई कमी नहीं

आकाश कुमार की मां एक दर्जी हैं जो लोगों के कपड़े सिलती हैं। पिता वेल्डिंग का काम करते हैं। फिर भी, उन्होंने अपने बेटे को एक अच्छा क्रिकेटर बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी।

मां-बाप ने हमेशा साथ दिया

एएनआई को दिए इंटरव्यू में आकाश कुमार चौधरी ने अपने माता-पिता के योगदान की सराहना करते हुए कहा, “आय ज़्यादा नहीं थी, फिर भी मां-बाप ने कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दी। आज मैं जहां पहुंचा हूं, उसके पीछे मेरे माता-पिता की बहुत बड़ी भूमिका है।”

डेब्यू से लेकर विश्व रिकॉर्ड तक का सफर

2019 में नागालैंड के खिलाफ मैच में मेघालय की ओर से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में आकाश का डेब्यू हुआ था। इसके बाद उन्होंने लिस्ट ‘ए’ और टी-20 दोनों फॉर्मेट में मेघालय का प्रतिनिधित्व किया।

लिस्ट ‘ए’ में उनका डेब्यू सिक्किम के खिलाफ हुआ था जबकि टी-20 में उन्होंने पहली बार गुजरात के खिलाफ खेला।

उनके क्रिकेट करियर में कई उतार-चढ़ाव आए। अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ इतिहास रचने से पहले उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट की 10 पारियों में केवल 2 अर्धशतक बनाए थे। यहाँ तक कि 5 पारियों में तो 20 रन तक नहीं बना पाए लेकिन रणजी ट्रॉफी के प्लेट ग्रुप में बिहार के खिलाफ अर्धशतक लगाने के बाद उनकी कहानी बदल गई।

13 साल पुराना विश्व रिकॉर्ड टूटा

अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ मात्र 11 गेंदों में अर्धशतक बनाकर आकाश कुमार ने नया इतिहास रचा। 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने लगातार 8 छक्के जड़े — फर्स्ट क्लास क्रिकेट में यह कारनामा किसी ने पहले नहीं किया था। उन्होंने 11 गेंदों में अर्धशतक बनाकर 13 साल पुराना विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया।

भारत के लिए खेलने का सपना

आकाश कुमार चौधरी का सपना है भारत की जर्सी पहनना। लेकिन वे कहते हैं, “वो मेरे हाथ में नहीं है। मेरे हाथ में है सिर्फ गेंद की रफ्तार, बल्ले की आवाज़ और हर मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ देने का वादा। भविष्य में भी मैं उसी वादे पर कायम रहूंगा।”

Prev Article
सुमंत के शतक से रनों के पहाड़ पर पहुंचा बंगाल
Next Article
बाहर नहीं हुए लेकिन केवल 3 गेंद खेलने के बाद शुभमन को मैदान छोड़ना पड़ा, आखिर क्यों ?

Articles you may like: