पाकिस्तान में कोई भी सुरक्षित नहीं है। बार-बार इस तरह का दावा विश्व भर में किया जाता रहा है। क्रिकेट से लेकर आम जनता तक, हर जगह एक ही तस्वीर नजर आती है। साल 2008 में श्रीलंका की टीम बस पर हमले के बाद पाकिस्तान में क्रिकेट को बंद कर दिया गया था। हालांकि इसके बाद फिर से क्रिकेट तो शुरू हो गया लेकिन इस तस्वीर में कोई बदलाव नहीं आया है। दक्षिण अफ्रिका के खिलाफ वर्तमान टेस्ट मैच के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद एक बार फिर से अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया जा रहा है।
आखिर क्या है यह मामला?
वर्तमान में लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में पाकिस्तान बनाम दक्षिण अफ्रिका का टेस्ट मैच चल रहा है। इसके साथ ही लाहौर में तेहरिकी लब्बाईक पाकिस्तान नामक एक राजनीतिक पार्टी का आंदोलन भी चल रहा है। 9 अक्तूबर से वामपंथी इस इस्लामिक पार्टी ने आंदोलन शुरू कर दिया है। गाजा में इजरायल के हमले के विरोध में इस संस्था ने अमेरिकी दूतावास के सामने विरोध-प्रदर्शन भी किया था। लाहौर में इस पार्टी के समर्थकों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। शुरुआत में तो यह विरोध शांतिपूर्ण ही था लेकिन बाद में इसने हिंसात्मक रुख अपना लिया।
प्रदर्शनकारियों ने पथराव से लेकर सरकारी संपत्ति में आग तक लगाना शुरू कर दिया। पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिशें तो की लेकिन बात जनता-पुलिस के बीच हाथापाई पर पहुंच गयी। परिस्थिति को संभालने के लिए पाकिस्तान की सरकार ने धारा 144 लागू कर दिया।
जिस समय लाहौर में यह हंगामा चल रहा था, ठीक उसी समय गद्दाफी स्टेडियम में पाकिस्तान-दक्षिण अफ्रिका के बीच मैच। मैच के दौरान प्रदर्शनकारी गद्दाफी स्टेडियम में घुस जाते हैं और वहां भी पत्थरबाजी करते हैं। इसके कई वीडियो सोशल मीडिया और X हैंडल पर वायरल भी हो रहे हैं।
इस घटना के बाद ही सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। पाकिस्तानी सरकार और पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड ने उनके देश में क्रिकेट को फिर से वापस लाने के लिए वैश्विक मंच पर अपनी सुरक्षा-व्यवस्था की तारीफें की हैं। लेकिन उनके सारे दावे कई बार खोखले साबित हो चुके हैं। पिछले साल इंग्लैंड की टीम जब पाकिस्तान में खेलने गयी थी तब इंग्लैंड की टीम को जिस होटल में रखा गया था उससे थोड़ी ही दूरी पर आत्मघाती विस्फोट हुआ था। अब अंतर्राष्ट्रीय मैच के दौरान ऐसी घटना घटी है।
इस घटना के बाद एक बार फिर से पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटरों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। बड़ी संख्या में क्रिकेट समर्थकों की मांग है कि पाकिस्तान को अब अंतर्राष्ट्रीय मैच की मेजबानी नहीं देनी चाहिए।