मिथुन भट्टाचार्य, सिलीगुड़ी
महिला विश्वकप क्रिकेट का मुकुट भारतीय टीम के सिर पर सुशोभित हो गया है। इसे लेकर पूरे देश में उत्सव का माहौल है। देशभर में लोग क्रिकेट की उमंग में अभी भी झूम रहे हैं, इसमें सिलीगुड़ी भी है। वजह, विश्वविजयी महिला टीम की एक सदस्य सिलीगुड़ी की बेटी ऋचा घोष है लेकिन क्रिकेट के इस उज्ज्वल पक्ष के विपरीत अंधकार की एक और तस्वीर है। सिलीगुड़ी के शांतिनगर में किराए के मकान में रहते हैं क्रिकेटर मुन्ना सरकार। उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में देश का प्रतिनिधित्व किया है। वर्तमान में वे दिल्ली में 'आईडीसीए नवम टी-ट्वेंटी नेशनल क्रिकेट चैंपियनशिप फॉर डेफ टूर्नामेंट में बंगाल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 2023 में कतर में आयोजित डेफ क्रिकेट विश्वकप में भारतीय दल के अन्यतम सदस्य थे मुन्ना। हालांकि उस बार दक्षिण अफ्रीका से हारकर भारत रनर-अप बना था।
अपने प्रदर्शन से खुश होने पर भी भविष्य को लेकर चिंतित हैं वह युवा क्रिकेटर। मुख्य रुप से आर्थिक अभाव बड़ी वजह है। मुन्ना का कहना है कि डेफ क्रिकेट सीधे बीसीसीआई के अंतर्गत नहीं है, यह केवल बीसीसीआई समर्थित संस्था है। इसलिए इस प्लेटफॉर्म में आर्थिक सुरक्षा नहीं है। आमदनी भी लगभग शून्य है। परिवार की चिंता और बढ़ा दी है मुन्ना की, क्योंकि मां कैंसर से ग्रस्त है। पिता माधव सरकार एक निजी कोचिंग सेंटर में सुरक्षा गार्ड का काम करते हैं। मुन्ना कहते हैं कि आईडीसीए की ओर से देश के विभिन्न हिस्सों में खेलने जाने पर वह खर्च संस्था वहन करती है लेकिन खेल का सामान खुद ही खरीदना पड़ता है।
स्थानीय टूर्नामेंट में खेलकर मुन्ना का किसी तरह गुजारा हो जाता है। उसी पर टिका है उनका क्रिकेट करियर लेकिन परिवार में आर्थिक संकट को लेकर मुन्ना के भविष्य पर काले बादल मँडरा रहे हैं। वे कहते हैं कि बीच में खेल छोड़कर काम खोजने की कोशिश की थी लेकिन उस तरह से कोई काम नहीं मिला। पिता मामूली नौकरी करते हैं, उससे परिवार का खर्च चलाना ही मुश्किल है।
अलीपुरद्वार जिले के जटेश्वर में जन्मे मुन्ना जन्म से गूंगे हैं। जटेश्वर हाईस्कूल से उच्च माध्यमिक पास करने के बाद 2018 में पॉलिटेक्निक में दाखिला लेने सिलीगुड़ी आए थे। यहीं विभिन्न क्लबों में क्रिकेट सीखना शुरू किया। बाद में बंगाल टीम के डेफ क्रिकेटर इंद्रनील साधुखां से मुन्ना का परिचय हुआ। उनकी पहल से ही बंगाल टीम में मौका मिला। वहीं से शुरू हुआ था मुन्ना का उत्थान। इंद्रनील कहते हैं कि कुछ सालों से मुन्ना शानदार फॉर्म में हैं, लेकिन वह फॉर्म में होने पर भी खेल जारी रखने को लेकर संशय में हैं। वे कहते हैं कि पैसे के अभाव में मां का इलाज नहीं करा पा रहा है। सरकारी या निजी कोई भी एक काम मिल जाए तो बहुत फायदा होगा।