राजस्थान की राजधानी के जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के आईसीयू वार्ड में शॉर्ट सर्किट से आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। इस दुखद घटना में आठ लोगों की जान चली गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घटना की जांच की मांग की है।
पीड़ितों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि जब अस्पताल में आग लगी, उस वक्त डॉक्टर और कंपाउंडर वहां से भाग खड़े हुए। जयपुर के अस्पताल में हुए इस हादसे ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे पर पीएम मोदी और राज्य के सीएम भजनलाल शर्मा ने दुख व्यक्त किया है।
जयपुर की घटना पर पीएम मोदी ने जताया दुख-
प्रधानमंत्री मोदी ने जयपुर की अग्निकांड की घटना पर दुख व्यक्त किया है। पीएमओ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएम मोदी के हवाले से लिखा कि राजस्थान के जयपुर स्थित एक अस्पताल में आग लगने से हुई जान-माल की हानि अत्यंत दुखद है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
सीएम भजनलाल शर्मा ने भी जताया दुख-
राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों एवं अधिकारियों से जानकारी ली और त्वरित राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मरीजों की सुरक्षा, इलाज और प्रभावित लोगों की देखभाल के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें। राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ है और उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पूर्व सीएम ने गहलोत ने क्या कहा?
वहीं, अस्पताल में हुई इस घटना पर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने लिखा कि SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के ICU में आग लगने से लोगों की मृत्यु बहुत दुखी करने वाली है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस हादसे में कम से कम जनहानि हो। प्रभु दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें। राज्य सरकार इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाकर यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में कहीं भी ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो सके।
बेहोश थे कई मरीज, भाग गए डॉक्टर... SMS अस्पताल में शॉर्ट सर्किट से कैसे गई 8 की जान?
जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने से 8 लोगों की मौत हो गई। आईसीयू वार्ड में शॉर्ट सर्किट से आग लगी उस समय 11 मरीजों का इलाज चल रहा था। मरीज और तीमारदार जान बचाने के लिए भागे पर कई लोगों की जान नहीं बच सकी। परिजनों ने आरोप लगाया कि आग लगने पर डॉक्टर और कंपाउंडर भाग गए।
राजस्थान के जयपुर में रविवार रात एक बड़ा हादसा हो गया। जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में बने आईसीयू वार्ड में भीषण आग लग गई, इस हादसे में 8 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। जिस दौरान ये हादसा हुआ उस वक्त ट्रॉमा सेंटर में 11 मरीजों का उपचार चल रहा था।
आग लगने के बाद मरीज और उनके तीमरादार जान बचाने के लिए बेड और गद्दा लेकर भागने लगे। हालांकि, इसके बाद भी कई लोगों की जान नहीं बच सकी। पीड़ितों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि जब अस्पताल में आग लगी, उस वक्त डॉक्टर और कंपाउंडर वहां से भाग खड़े हुए।
अस्पताल में कब लगी आग
शुरुआती जानकारी के अनुसार, रविवार देर रात 11 बजकर 10 मिनट पर ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू वार्ड में आग लगी। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। हालांकि, इस घटना की विस्तृत जांच के लिए सीएम भजनलाल शर्मा ने निर्देश दिए हैं। उन्होंने एक स्वतंत्र समिति का गठन किया है, जो इस पूरे मामले की जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी।
पीड़ितों के परिजनों ने बयां किया दर्दनाक मंजर
इस हादसे में अपने परिजन को खोने वाले एक ओमप्रकाश नाम के एक व्यक्ति का कहना है कि उनका चचेरा भाई अस्पताल में भर्ती था। उसकी भी इस आग की घटना में मौत हो गई। ओमप्रकाश बताते हैं कि रात के करीब साढ़े 11 बजे जब धुआं फैलने लगा, तो उन्होंने डॉक्टरों को मरीजों को होने वाली संभावित परेशानी के बारे में आगाह किया।
जब तक धुआं बढ़ता, डॉक्टर और कंपाउंडर भाग चुके थे। केवल चार-पांच मरीजों को ही निकाला जा सका। दुर्भाग्य से, इस घटना में मेरी मौसी के बेटे की जान चली गई। वह लगभग ठीक हो रहा था और उसे दो-तीन दिनों में छुट्टी मिलनी थी।
ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी ने क्या बताया?
वहीं, पत्रकारों से बात करते हुए एसएमएस अस्पताल ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी अनुराग धाकड़ ने बताया कि हमारे ट्रॉमा सेंटर में दूसरी मंजिल पर दो आईसीयू हैं: एक ट्रॉमा आईसीयू और एक सेमी-आईसीयू। हमारे वहां 24 मरीज थे; 11 ट्रॉमा आईसीयू में और 13 सेमी-आईसीयू में।
आगे बताया कि ट्रॉमा आईसीयू में शॉर्ट सर्किट हुआ और आग तेजी से फैल गई, जिससे जहरीली गैसें निकलीं। ज्यादातर गंभीर मरीज बेहोशी की हालत में थे। हमारी ट्रॉमा सेंटर टीम, हमारे नर्सिंग ऑफिसर और वार्ड बॉय ने तुरंत उन्हें ट्रॉलियों पर लादकर बचाया और जितने मरीजों को हम आईसीयू से बाहर निकाल पाए, उन्हें दूसरी जगह ले गए। उनमें से छह मरीज बहुत गंभीर थे।