मिली जानकारी के अनुसार सोनाक्षी यादव नाम की उस अधिकारी ने प्रारंभ में आवास परियोजना के तहत फंड मंजूरी के बदले शिकायतकर्ता से 2,500 रुपये रिश्वत मांगे थे। पहले शिकायतकर्ता ने 1,000 रुपये दिए थे, लेकिन VDO ने फंड मंजूर नहीं किया। इसके बाद ही पीड़िता भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के पास गए। उनकी सलाह पर बाद में दूसरी बार पैसा देने आरोपी अधिकारी के पास गए। उसी समय उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। डीजीपी स्मिता श्रीवास्तव के निर्देश पर और डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल अनिल कायाल की देखरेख में एक विशेष टीम ने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। एससीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपी सोनाक्षी यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पूछताछ जारी है।
दूसरी ओर, शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में एसीबी ने दावा किया कि मुंबई के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने रिश्वत लेते हुए एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक और एक जूनियर अधिकारी को गिरफ्तार किया। वरिष्ठ निरीक्षक चंद्रकांत सरोडे (52) और उप-निरीक्षक राहुल वाघमोड़े को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। वाघमोड़े पर लाखों रुपये की रिश्वत लेने का आरोप था। उन्होंने शिकायतकर्ता को फोन करके वाघमोड़े ने अपने लिए 50,000 रुपये और सरोडे के लिए 5 लाख रुपये की मांग की, क्योंकि उसने अपनी बेटी को गिरफ्तार न करने की मदद की थी और विपक्षी पक्ष के खिलाफ भी कार्रवाई की थी।