2 दिसंबर से देशव्यापी उड़ान सेवा में हुई गड़बड़ी के कारण कड़ी आलोचना के बीच आखिरकार सोमवार को 'इंडिगो' ने सरकार को औपचारिक जवाब भेजा। हालांकि उस पत्र की सामग्री को लेकर एक रहस्य बना हुआ है। सूत्रों के माध्यम से यह जानने को मिला है कि DGCA को भेजे गए इस पत्र को 'अत्यंत सुरक्षित' (Highly Guarded) या कड़े गोपनीयता में रखा गया है।
पिछले कुछ दिनों में 2000 से अधिक उड़ानों के रद्द होने के कारण लाखों यात्री परेशान हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, इस अभूतपूर्व स्थिति के लिए देश की सबसे बड़ी एयरलाइन ने सरकार से 'निःशर्त माफी' मांगी है। अपने जवाब में इंडिगो ने कहा कि यात्रियों की असुविधा के लिए वे 'गहराई से खेद व्यक्त करते हैं' और 'अत्यंत क्षमाप्रार्थी' हैं।
लेकिन यह संकट आया क्यों ?
DGCA के कारण पूछने के नोटिस के जवाब में इंडिगो ने बताया कि इसके पीछे कोई एक विशेष कारण नहीं है। 'दुर्भाग्यपूर्ण और अप्रत्याशित परिस्थितियों का एक जटिल मिश्रण' इस स्थिति को पैदा करने वाला है। एयरलाइन का दावा है कि उनके विशाल ऑपरेशन में अचानक इस संकट की 'Root Cause' या मूल वजह की पहचान करना इस समय संभव नहीं है। DGCA के नियम के अनुसार कारण बताने के लिए 15 दिन का समय मिलता है। इसलिए पूरी जांच कर 'Root Cause Analysis' या RCA जमा करने के लिए उन्होंने और समय मांगा है। हालांकि प्रारंभिक तौर पर 'इंडिगो' ने कई कारणों को जिम्मेदार ठहराया है:
1. छोटी-मोटी तकनीकी खामियां
2. शीतकालीन समयसारणी या विंटर शेड्यूल में बदलाव
3. खराब मौसम और दृश्यता में कमी
4. हवाई मार्गों और हवाई अड्डों पर अत्यधिक यातायात
5. पायलटों की ड्यूटी से संबंधित नए नियम या FDTL और रोस्टरिंग की समस्याएं
‘इंडिगो’ ने बताया कि नया FDTL नियम लागू करना काफी चुनौतीपूर्ण होगा, इस बारे में उन्होंने पहले ही DGCA को चेतावनी दी थी और अस्थायी रूप से इस नियम में छूट देने या ढील देने का आग्रह किया था। दिसंबर की शुरुआत में ये सभी समस्याएं एक साथ बड़ी हो गईं, जिसके परिणामस्वरूप पायलट संकट उत्पन्न हुआ और लगातार फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं।
लेकिन उम्मीद की बात यह है कि शनिवार और रविवार मिलाकर लगभग 3150 फ्लाइट्स ‘इंडिगो’ ने संचालित की। कंपनी ने यह भी बताया कि वे सेवा को जल्द सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 6 दिसम्बर को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि इंडिगो के हाल ही में संचालन संबंधी अव्यवस्था के चलते देशभर की विमान सेवा में उत्पन्न हुए संकट और डीजीसीए द्वारा उड़ान ड्यूटी समय सीमा (एफडीटीएल) नियमों में छूट देने को लेकर संयुक्त संसदीय समिति या न्यायिक जांच का आदेश दें।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (माकपा) सांसद ने अपने पत्र में रेखांकित किया कि पायलट और यात्रियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए एक सुरक्षा नियम को तोड़-मरोड़कर कमज़ोर कर दिया गया। विमान कंपनी ने इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया, जिसके चलते उसे नियमों में छूट मिल गई।