नयी दिल्लीः देश के सांसद अब संसद भवन के भीतर स्मार्ट ग्लास, पेन कैमरा और स्मार्टवॉच जैसे डिजिटल उपकरणों का उपयोग नहीं कर सकेंगे। लोकसभा सचिवालय की ओर से इस संबंध में एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है। बताया गया है कि संसद की आंतरिक सुरक्षा, गोपनीयता बनाए रखने और सांसदों की समग्र सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
सचिवालय के बयान के अनुसार, पेन कैमरा और स्मार्टवॉच जैसे उपकरण आज के समय में बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। इन उपकरणों का गोपनीय जानकारी रिकॉर्ड करने या साझा करने के लिए दुरुपयोग किया जा सकता है। इससे संसद के भीतर की गोपनीयता का उल्लंघन हो सकता है और संसद की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था सार्वजनिक हो सकती है। इसी कारण सांसदों को इस प्रकार के उपकरणों के इस्तेमाल से दूर रहने को कहा गया है।
पिछले कुछ वर्षों में संसद के अंदर ऐसे उपकरणों के इस्तेमाल के कई उदाहरण सामने आए हैं। 2023 में, संसद के मानसून सत्र के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाबी भाषण दे रहे थे, उसी समय कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रजनी पाटिल द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग की गई थी। संसद के उच्च सदन की कार्यवाही की वीडियोग्राफी करने के कारण उन्हें पूरे सत्र के शेष समय के लिए निलंबित कर दिया गया था।
इससे पहले 2016 में, तत्कालीन आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने संसद के प्रवेश द्वार से लेकर लोकसभा कक्ष तक जाने के रास्ते का एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। इस वीडियो में संसद की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था का ढांचा सार्वजनिक हो गया था। बाद में इस मामले की जांच विशेषाधिकार समिति द्वारा की गई थी।
हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 11 दिसंबर को लोकसभा में एक तृणमूल कांग्रेस सांसद को ई-सिगरेट का इस्तेमाल करते हुए देखे जाने का आरोप लगा। इस पर भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिकायत की। स्पीकर ने इस मुद्दे पर कहा कि उचित कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक हलकों में यह माना जा रहा है कि ऐसी लगातार सामने आ रही घटनाओं के बाद ही लोकसभा सचिवालय की ओर से यह सख्त अधिसूचना जारी की गई है।