पुणे: महाराष्ट्र एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने आतंकी संगठनों से कथित संबंधों के मामले में गिरफ्तार सॉफ्टवेयर इंजीनियर जुबैर हंगरगेकर की एक बार फिर कस्टडी हासिल कर ली है। एटीएस ने विशेष यूएपीए अदालत को बताया कि आरोपी के टेलीग्राम अकाउंट से अफगानिस्तान और हांगकांग से जुड़े IP एड्रेस सामने आए हैं, जिनकी गहन जांच की जा रही है।
एटीएस ने बुधवार को दूसरी बार हंगरगेकर की कस्टडी मांगी, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए उसे 3 जनवरी तक एटीएस रिमांड पर भेज दिया। 37 वर्षीय हंगरगेकर को अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था। उस पर प्रतिबंधित आतंकी संगठनों अल-कायदा और ‘अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS)’ से जुड़े होने और कट्टरपंथी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप हैं।
एटीएस के मुताबिक, जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच में सामने आया है कि आरोपी और उसके सहयोगी आईएसआईएस और अल-कायदा जैसी आतंकी संगठनों की विचारधारा का प्रचार कर भारत में खिलाफत राज्य स्थापित करने और शरिया कानून लागू करने की मंशा रखते थे। जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि ये लोग मुस्लिम युवाओं को ‘दर्स’ (धार्मिक शिक्षा) के बहाने इकट्ठा करते थे, पहले सामान्य धार्मिक चर्चा के जरिए सोच में बदलाव लाते और फिर धीरे-धीरे उन्हें कट्टरता की ओर धकेलते थे।
एटीएस का दावा है कि ‘इज्तिमा’ के नाम पर युवाओं को ठाणे के पडघा इलाके में एकत्र किया जाता था, जहां उन्हें धार्मिक उग्रवाद की ओर प्रेरित किया जाता और उनकी मानसिक व शारीरिक क्षमता परखने के लिए प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जाते थे। रिमांड आवेदन के अनुसार, हंगरगेकर के टेलीग्राम अकाउंट में कुल 108 आईडी पाई गईं, जिनमें से अब तक आठ की जानकारी जुटाई गई है। इनमें चार आईडी अफगानिस्तान और हांगकांग से जुड़ी बताई जा रही हैं, जिनकी जांच जरूरी है।
एटीएस ने पहले भी अदालत को बताया था कि आरोपी के पुराने फोन में पाकिस्तान का एक संपर्क नंबर मिला था। इसके अलावा सऊदी अरब, कुवैत और ओमान के अंतरराष्ट्रीय नंबर भी पाए गए थे, हालांकि कॉल डिटेल रिकॉर्ड में इन पर कॉल होने के सबूत नहीं मिले। पूछताछ के दौरान आरोपी इन नंबरों के बारे में कोई संतोषजनक जानकारी नहीं दे सका।
पुणे के कोंढवा इलाके में आरोपी के घर की तलाशी के दौरान मोबाइल फोन से आतंकी सामग्री से जुड़े डिलीट किए गए पीडीएफ, ओसामा बिन लादेन के ईद-उल-फितर भाषण का उर्दू अनुवाद और ‘इंस्पायर’ नामक मैगजीन भी बरामद की गई थी। इसमें AK-47 ट्रेनिंग और आईईडी बनाने की प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज होने का दावा किया गया है।