नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पहली पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर, 2024 को दिल्ली में आयु से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उनका अंतिम संस्कार 28 दिसंबर को दिल्ली के कश्मीरी गेट स्थित निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया, जिसमें उनके परिवार, मित्रों, सहयोगियों और सरकारी गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सिंह के नेतृत्व ने भारत की अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र को मजबूत किया। कांग्रेस ने इस पोस्ट में कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह की पुण्यतिथि पर हम ईमानदारी, विनम्रता और दूरदृष्टि वाले एक महान राजनेता को स्मरण करते हैं। उनके नेतृत्व ने भारत की अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र को सशक्त किया। उस प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि, जिन्होंने निस्वार्थ भाव और दृढ़ संकल्प के साथ राष्ट्र की सेवा की।”
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह की पहली पुण्यतिथि पर नई दिल्ली के 24, अकबर रोड स्थित उनके आवास पर पुष्पांजलि अर्पित की। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी कांग्रेस के इस दिग्गज नेता को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। शिवकुमार ने एक्स पर लिखा, “भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकालने से लेकर एक दशक तक देश का प्रधानमंत्री के रूप में नेतृत्व करने तक, उनका योगदान अत्यंत गहरा रहा। उन्होंने आरटीआई अधिनियम के जरिए पारदर्शिता का समर्थन किया और मनरेगा के माध्यम से श्रम की गरिमा को बनाए रखा। उनके नेतृत्व में सुधार, करुणा और जिम्मेदारी का संतुलन दिखाई देता था। भारत उन्हें ऐसे नेता के रूप में याद करता है जिन्होंने राजनीति से ऊपर राष्ट्र और उसकी संस्थाओं को रखा।”
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, “आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री, आर्थिक सुधारों के शिल्पकार और विश्वविख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर हम उनकी स्मृति को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।”
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पोस्ट किया, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन बौद्धिकता, ईमानदारी और राष्ट्र के प्रति अटूट सेवा से परिभाषित था।”
26 सितंबर, 1932 को जन्मे मनमोहन सिंह एक प्रख्यात अर्थशास्त्री थे और 1982 से 1985 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर रहे। 1991 से 1996 के बीच उन्होंने भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया, जिसके दौरान उन्होंने व्यापक आर्थिक सुधारों को लागू करने में अहम भूमिका निभाई, जिससे उन्हें वैश्विक पहचान मिली। वे भारत के 13वें प्रधानमंत्री थे और 2004 से 2014 तक इस पद पर रहे।
कई लोगों के लिए उनका नाम उस दौर के परिवर्तनकारी बदलावों का पर्याय बना हुआ है। उनकी सरकार ने 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा), जिसे बाद में मनरेगा नाम दिया गया और सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए, जिससे सरकार और जनता के बीच पारदर्शिता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। अपने दूसरे कार्यकाल के बाद मनमोहन सिंह ने सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लिया। उन्होंने भारत को अभूतपूर्व आर्थिक वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय पहचान के दौर से गुजरने में नेतृत्व प्रदान किया। 2014 में कांग्रेस-नेतृत्व वाले यूपीए के आम चुनाव हारने के बाद नरेंद्र मोदी ने उनका स्थान लिया।