नई दिल्लीः भारत ने अमेरिका को सूचित किया है कि बीस दिसंबर के बाद से निर्धारित H1B वीजा इंटरव्यू रद्द किए जाने से हजारों भारतीयों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि दोनों पक्ष इस मुद्दे पर सक्रिय रूप से संवाद कर रहे हैं ताकि वीजा अपॉइंटमेंट रद्दीकरण और विलंब से उत्पन्न समस्याओं का समाधान किया जा सके।
सोशल मीडिया जांच और सख्त वेरिफिकेशन
संगठित वेरिफिकेशन के तहत अमेरिकी अधिकारियों ने सोशल मीडिया पोस्ट और ऑनलाइन प्रोफाइल की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। इसी कारण दिसंबर के मध्य से शुरू होने वाले कई H1B वीजा इंटरव्यू कई महीनों तक के लिए स्थगित कर दिए गए हैं।
उदाहरण के लिए:
जिनका इंटरव्यू 15 दिसंबर को निर्धारित था, उनकी नई तारीख मार्च 2026 तक रखी गई।
जिनका इंटरव्यू 19 दिसंबर को था, उन्हें मई 2026 तक प्रतीक्षा करनी होगी।
प्रभाव और कठिनाइयां
अधिकांश वीजा आवेदक पहले से भारत में हैं और नई इंटरव्यू तारीख के बिना अमेरिका लौट नहीं सकते। इस विलंब ने नौकरी, परिवार और बच्चों की शिक्षा पर गंभीर असर डाला है। H4 वीजा धारक, जो H1B वर्कर्स के पति या पत्नी हैं, वे भी इस नीति से प्रभावित हुए हैं।
भारत का रुख और बातचीत
जायसवाल ने कहा कि भारत ने इस मुद्दे को अमेरिका के समक्ष उठाया है और दोनों देशों के अधिकारियों के बीच लगातार संवाद जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि यह समझा जाता है कि वीजा नीति किसी देश का संप्रभु क्षेत्र है, लेकिन भारतीय नागरिकों की कठिनाइयों को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
H1B वीजा कार्यक्रम और भारतीय योगदान
H1B वीजा कार्यक्रम के तहत विदेशी पेशेवरों को अमेरिकी कंपनियों में तीन साल के लिए नियुक्त किया जाता है, जिसे बाद में तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। हाल के वर्षों में, स्वीकृत H1B आवेदनों में लगभग 71 प्रतिशत भारतीय हैं। सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति ने H1B वीजा शुल्क USD 100,000 तक बढ़ा दिया, जिससे आवेदकों के लिए और कठिनाइयां बढ़ी हैं।
जायसवाल ने कहा कि भविष्य में H1B आवेदकों को और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, भारत और अमेरिका के बीच निष्पक्ष और पारस्परिक लाभकारी व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है।