काम के सिलसिले में झारखंड का 26 वर्षीय विजय कुमार महतो सऊदी अरब गया था। लेकिन किसी को शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि वहां पुलिस और अपराधियों के बीच हुई झड़प में वह बेमौत मारा जाएगा। विजय झारखंड के गिरिडिह जिले के डुमरी ब्लॉक के माधोगोपाल पंचायत के दुधपनिया गांव का निवासी बताया जाता है।
झारखंड श्रम विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार गत 17 अक्तूबर को जेद्दा में पुलिस और अपराधियों के बीच हुई गोलीबारी में उसकी मौत हो गयी है। उसका शव भारत वापस लाने के लिए सऊदी अरब में स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क किया गया है। श्रम विभाग के प्रवासी मजदूर नियंत्रण सेल की अधिकारी शिखा लाकड़ा ने न्यूज़ एजेंसी PTI को बताया कि गिरिडिह से सऊदी अरब के एक प्रवासी मजदूर का शव वापस लाने का विशेष अनुरोध मिलने के बाद ही वहां स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क किया गया है।
उन्होंने बताया कि मजदूर का शव उसके गांव वापस लाने की कोशिशें की जा रही है। इस वजह से जेद्दा के पुलिस अधिकारियों से भी संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रवासी मजदूरों की हितों को लेकर काम करने वाले समाजसेवी सिकंदर अली का कहना है कि पिछले 9 महीनों से विजय एक निजी कंपनी में टावर लाइन फिटर के तौर पर काम कर रहे थे। गत 16 अक्तूबर को वहां से उनकी पत्नी बसंती देवी को ह्वाट्स ऐप पर विजय ने एक मैसेज भेजा था। इस मैसेज में उन्होंने बताया कि पुलिस और अपराधियों के बीच हो रही गोलीबारी के बीच में वह आकर घायल हो गए हैं।
बसंती देवी ने तुरंत अपने ससुराल में इस बात की जानकारी दी। इसके साथ ही उन्हें बताया गया कि जेद्दा में विजय का उस समय अस्पताल में इलाज चल रहा था। इसके बाद 24 अक्तूबर को विजय जिस कंपनी में काम कर रहे थे, वहां से परिवार के पास एक कॉल आता है जिसमें बताया गया कि गोली लगने की वजह से विजय की मौत हो गयी है।
सिकंदर ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही श्रम विभाग और गिरिडिह जिला प्रशासन से विजय का शव वापस लाने का अनुरोध किया गया। इसके साथ ही इस परिवार के लिए सऊदी अरब की उस कंपनी से क्षतिपूर्ति को भी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।