सरकार के प्रस्ताव को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। संसद का शीतकालीन अधिवेशन 1 दिसंबर से शुरू होगा, जो 19 दिसंबर तक चलेगा। इस बात की घोषणा अपने आधिकारिक X हैंडल से एक पोस्ट कर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार (8 नवंबर) को की।
अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा है, 'राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होगा जो 19 दिसंबर तक चलेगा। मैं एक रचनात्मक और सार्थक सत्र की आशा करता हूं जो लोकतंत्र को और मजबूती प्रदान करेगा। साथ ही आम लोगों की उम्मीदों को पूरा करेगा।' हालांकि मात्र 19 दिनों में ही शीतकालीन अधिवेशन के पूरा होने को लेकर विपक्षी पार्टियां काफी असंतोष है। विपक्ष का दावा है कि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद से लेकर अब तक में यह सबसे छोटा शीतकालीन सत्र होगा।
बता दें, बिहार चुनाव के ठीक बाद शीतकालीन अधिवेशन की शुरुआत होने वाली है। जानकारों का मानना है कि इस संसदीय अधिवेशन में कई मुद्दों के उठने की संभावना है। संभावना जतायी जा रही है कि मतदाता सूची में विशेष गहन सुधार (SIR) के अलावा विपक्ष हरियाणा और महाराष्ट्र में फर्जी मतदाताओं के आरोपों का मुद्दा भी उठा सकता है।
गौरतलब है कि संसद का पिछला अधिवेशन 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चला था। उस दौरान ऊपरी और निचली दोनों सदनों से कुल 15 विधेयक पारित हुए थे। उम्मीद है कि इस सत्र के दौरान भी 129वें और 130वें संविधान संशोधन विधेयक पेश किया जा सकता है। 130वें संविधान संशोधन विधेयक के अनुसार अगर कोई मंत्री किसी गंभीर आरोप में 30 दिनों से ज्यादा जेल में बंद रहता है तो उसे इस्तीफा देना पड़ेगा। हालांकि विपक्ष पहले ही इस विधेयक का विरोध कर चुका है।