बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पटना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मोकामा के जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर हाल ही में हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड में शामिल होने का आरोप है। यह गिरफ्तारी न केवल पटना बल्कि पूरे राज्य के राजनीतिक माहौल को हिला देने वाली साबित हुई है। सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि अनंत सिंह इस बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) समर्थित उम्मीदवार के रूप में मैदान में थे।
बाढ़ के कारगिल मार्केट से हुई गिरफ्तारी
सूत्रों के मुताबिक, पटना एसएसपी की विशेष टीम ने गुरुवार को बाढ़ स्थित कारगिल मार्केट से अनंत सिंह को गिरफ्तार किया। हालांकि पुलिस ने दिनभर इस कार्रवाई पर चुप्पी साधे रखी ताकि क्षेत्र में तनाव और आक्रोश न फैले। देर रात आधिकारिक पुष्टि के बाद अनंत सिंह को पटना ले जाया गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तारी भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर की गई क्योंकि नामजद एफआईआर के बाद वे चुनाव प्रचार में सक्रिय थे।
कौन हैं अनंत सिंह? राजनीतिक सफर और विवादों का सिलसिला
अनंत सिंह बिहार की राजनीति के उन चेहरों में से हैं जिनका नाम सत्ता और विवाद दोनों से गहराई से जुड़ा रहा है। वे लंबे समय तक मोकामा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। 2020 में एक आपराधिक मामले में सजा मिलने के बाद उनकी विधायकी रद्द कर दी गई, जिसके बाद उनकी पत्नी नीलम देवी उपचुनाव में जीतकर विधायक बनीं। हाल ही में पटना हाईकोर्ट से बरी होने के बाद, अनंत सिंह ने एक बार फिर चुनावी मैदान में वापसी की थी लेकिन अब दुलारचंद यादव की हत्या में नामजद होने के बाद उन्हें फिर से कानूनी संकट ने घेर लिया है।
क्या है दुलारचंद यादव हत्याकांड?
मोकामा में जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार के दौरान दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।इस हत्याकांड भूमिका की जांच की जा रही है।
जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी की प्रतिक्रिया
अनंत सिंह की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी ने कहा,“यह एक अच्छा कदम है लेकिन अगर कार्रवाई पहले होती तो बेहतर होता। वे एफआईआर दर्ज होने के बाद भी प्रचार में शामिल थे। देर से सही, लेकिन अब जरूरी है कि पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच करे। यह हमारे परिवार के लिए राहत की बात है।”
सत्ता के लिए झटका, विपक्ष के लिए सियासी मुद्दा
अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने जदयू की चुनावी रणनीति को झटका दिया है। एनडीए में जहां स्थिति संभालने की कोशिश की जा रही है, वहीं महागठबंधन ने इस मुद्दे को “कानून और नैतिकता” का सवाल बनाकर उठाना शुरू कर दिया है।राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरफ्तारी मोकामा सीट ही नहीं, बल्कि पूरा पटना-प्रेमी बेल्ट में चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।