गाजा युद्धविराम समझौते के तहत सोमवार को कैदियों की अदला-बदली हुई। हमास ने दो साल से ज़्यादा समय से बंधक बनाए गए सभी इजराइली बंधकों को रिहा कर दिया। दूसरी ओर इज़राइल ने भी 1900 फीलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कैदियों की रिहाई का स्वागत किया। इतना ही नहीं मोदी ने यह भी कहा कि नई दिल्ली पश्चिम एशिया में ट्रम्प के शांति प्रयासों का समर्थन करता है।
मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "हम दो साल से ज्यादा समय तक बंधक बनाए रखने के बाद सभी बंधकों की रिहाई का स्वागत करते हैं। उनकी रिहाई उनके परिवारों के साहस, राष्ट्रपति ट्रंप के दृढ़ शांति प्रयासों और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के दृढ़ निश्चय को श्रद्धांजलि है। हम क्षेत्र में शांति बहाल करने के राष्ट्रपति ट्रंप के ईमानदार प्रयासों का समर्थन करते हैं।"
उन्होंने इस पोस्ट में डोनल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू को भी टैग किया। यह सोशल मीडिया पोस्ट न केवल गाजा युद्ध के संदर्भ में, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों के विकास के संदर्भ में भी बेहद महत्वपूर्ण है। भारत पर टैरिफ लगाए जाने के कारण दोनों देशों के रिश्ते लगभग अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे। लेकिन पिछले एक महीने में दोनों नेताओं के बीच हुई दो फोन कॉल के बाद स्थिति सुधरती दिख रही है।
इस दिन बचे हुए इजराइली बंधकों को दो चरणों में रिहा किया गया। पहले 7 को रेड क्रॉस को सौंप दिया गया और बाद में शेष 20 को। इसके बाद इजराइली रक्षा बल उन्हें वापस अपने देश ले गए। दूसरी ओर विभिन्न इज़राइली जेलों से 19,000 फ़िलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया गया। उनमें से कुछ को बस से गाजा ले जाया गया। बाकी को पश्चिमी तट के रामल्लाह ले जाया गया।