एई समय, इम्फालः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखकर मणिपुर के लोग उत्साहित हो गए। पिछले कुछ दिनों का विरोध और दबी हुई नाराजगी पल भर में गायब हो गई। शनिवार को मोदी को एक झलक देखने के लिए चूड़ाचांदपुर के निवासियों ने सड़क के दोनों ओर भीड़ जमा कर दी थी। हाथ हिलाकर और चिल्लाकर उन्होंने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। मोदी ने भी बार-बार गाड़ी से उतरकर स्थानीय लोगों से बात की।
2023 से कुकी और मेइतेई समुदायों के बीच जानलेवा संघर्ष से मणिपुर अशांत है। अब तक 250 लोगों की मौत की खबर मिली है। लगभग 1500 लोग घायल हुए हैं। कम से कम 60 हजार लोग बेघर हो गए हैं। पिछले दो वर्षों में हिंसा से तबाह मणिपुर के बारे में मोदी ने मुंह नहीं खोला था। इस बात को लेकर विपक्ष ने बार-बार कटाक्ष किया था। आखिरकार वे मणिपुर दौरे पर आए। इस दिन सबसे पहले मोदी जातीय संघर्ष से प्रभावित लोगों से मिलने गए। उनकी समस्याओं के बारे में पूझा और आश्वस्त करते हुए कहा, 'मैं आपके साथ हूं।'
कुकी बहुल चूड़ाचांदपुर में मोदी का स्वागत करने के लिए किशोर-किशोरियां मौजूद थे। किसी ने मोदी के हाथ में फूल दिया, किसी ने हाथ से बनाई तस्वीर। एक किशोर ने मोदी को मणिपुर की पारंपरिक टोपी पहनाई। मुस्कुराते हुए मोदी ने भी टोपी पहन ली।
इसके बाद मोदी चूड़ाचांदपुर के पीस ग्राउंड गए। वहां से उन्होंने 7,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें मणिपुर अर्बन रोड्स, ड्रेनेज एंड एसेट मैनेजमेंट इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट प्रमुख है। इन दो परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर 3,600 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। उन्होंने पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। राज्य का डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए मणिपुर इन्फोटेक डेवलपमेंट प्रोजेक्ट शुरू होगा। कामकाजी महिलाओं के रहने के लिए 9 हॉस्टल भी बनाए जाएंगे। हालांकि मोदी के इस दौरे पर भी कांग्रेस ने कटाक्ष करना नहीं छोड़ा। वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीधे शब्दों में कहा, 'लंबे समय से मणिपुर में हिंसा चल रही है और उन्होंने ही इसे चलने दिया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत के किसी भी प्रधानमंत्री का ऐसा रिकॉर्ड नहीं है।' इसी तरह की बातें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहीं। उन्होंने कहा, 'औपचारिकता निभाने की तरह मणिपुर घूमकर लौट आएंगे। कुछ खास नहीं होगा।'