दिल्ली में मुठभेड़ में रंजन पाठक गिरोह के 4 गैंगस्टर ढेर, बिहार चुनाव से पहले हिंसा की थी साजिश

ये रंजन पाठक गिरोह से जुड़े थे, जो बिहार में ब्रह्मश्री सेना जिला प्रमुख गणेश शर्मा, मदन शर्मा और आदित्य सिंह की हत्या के मामलों में शामिल था।

By डॉ.अभिज्ञात

Oct 23, 2025 17:11 IST

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली के रोहिणी इलाके में हुई एक जोरदार मुठभेड़ में बिहार के कुख्यात रंजन पाठक गैंग के चार अपराधी ढेर हो गए हैं। पुलिस टीम ने उन्हें घेरा तो बदमाशों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इस मुठभेड़ में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक रोहिणी इलाके में गुरुवार तड़के एक बड़ी मुठभेड़ में ‘सिग्मा गैंग’ चार वांछित अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने की। पुलिस गोपनीय सूचना के आधार पर संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रख रही। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की।

दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी संजय त्यागी ने बताया कि यह मुठभेड़ बुधवार रात लगभग 2:20 बजे डॉ. अंबेडकर चौक और पंसाली चौक, रोहिणी के बहादुर शाह मार्ग के बीच हुई। पुलिस को सूचना मिली थी कि यह गिरोह आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले किसी बड़ी आपराधिक वारदात की योजना बना रहा है। इसी आधार पर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने इलाके में जाल बिछाया। जब पुलिस ने संदिग्धों को रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में चारों अपराधी गोली लगने से घायल हो गए। उन्हें डॉ. बी.एस.ए. अस्पताल, रोहिणी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

मारे गए अपराधियों की पहचान रंजन पाठक (25), बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी (25), मनीष पाठक (33) और अमन ठाकुर (21) के रूप में हुई है। ये सभी सीतामढ़ी, बिहार के निवासी थे। ये चारों अपराधी बिहार में कई हत्या और डकैती जैसे गंभीर मामलों में वांछित थे। ये रंजन पाठक गिरोह से जुड़े थे, जो बिहार में ब्रह्मश्री सेना जिला प्रमुख गणेश शर्मा, मदन शर्मा और आदित्य सिंह की हत्या के मामलों में शामिल था। डीसीपी क्राइम ब्रांच संजीव यादव ने बताया कि अभियुक्तों के खिलाफ आर्म्स एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं में दुमरा, चौरौत, गहड़ा और पुर्नहिया थानों में केस दर्ज थे। यह गिरोह सिग्मा गैंग के नाम से कुख्यात था।


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