नई दिल्लीःएनआईए की एक विशेष अदालत ने सोमवार को दिल्ली ब्लास्ट मामले में पूछताछ के लिए आमिर राशिद अली को राष्ट्रीय जांच एजेंसी की 10 दिन की हिरासत में भेज दिया। अभियुक्त आमिर को रविवार को गिरफ्तार किया गाय था और सोमवार को उसे एनआईए अदालत में पेश किया गया। प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एवं सेशंस जज (स्पेशल एनाआईए जज) अंजू बजाज चंदना ने एजेंसी की दलीलें सुनने के बाद आमिर को 10 दिनों की हिरासत में सौंपने का आदेश दिया। अभियुक्त को भारी सुरक्षा के बीच अदालत लाया गया और सुनवाई बंद कमरे में हुई।
एनआईए ने रविवार को कहा था कि उसने उस कश्मीरी निवासी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने आत्मघाती हमलावर के साथ मिलकर इस आतंकी हमले की साजिश रची थी। हमले में 10 निर्दोष लोगों की मौत हुई थी और 32 अन्य घायल हुए थे। एनआईए के अनुसार जिस कार में विस्फोट हुआ वह आमिर राशिद अली के नाम पर पंजीकृत थी। मामले की जांच दिल्ली पुलिस से अपने हाथ में लेने के बाद वह बड़े पैमाने पर तलाश अभियान चला रही थी।
जांच में सामने आया कि जम्मू-कश्मीर के सांबूरा, पम्पोर निवासी आमिर ने कथित आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के साथ मिलकर हमले की साजिश रची थी। आरोप है कि आमिर ही कार खरीदने के लिए दिल्ली आया था, जिसे बाद में वाहन जनित आईईडी (Improvised Explosive Device) के रूप में इस्तेमाल किया गया।
एनआईए ने फोरेंसिक जांच में वाहन जनित IED के मृत चालक की पहचान उमर उन नबी के रूप में स्थापित की है। वह पुलवामा जिले का निवासी और फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय के जनरल मेडिसिन विभाग में सहायक प्रोफेसर था। एजेंसी ने नबी की एक और गाड़ी भी जब्त की है, जिसकी जांच सबूतों के लिए की जा रही है। एनआईए अब तक इस मामले में 73 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है जिनमें 10 नवम्बर को राजधानी में हुए धमाके में घायल लोग भी शामिल हैं।
एनआईए ने कहा कि वह दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस, यूपी पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर विभिन्न राज्यों में जांच जारी रखे हुए है। एजेंसी के अनुसार वह विस्फोट के पीछे बड़ी साजिश का पता लगाने और मामले में शामिल अन्य अभियुक्तों की पहचान के लिए कई सुरागों पर काम कर रही है।