देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे न्यायमूर्ति सूर्यकांत, जानें उनके बारे में बहुत कुछ

प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति सूर्यकांत का कार्यकाल 2027 के 9 फरवरी तक होगा। इस स्थिति में 14 महीने से भी अधिक समय तक वे प्रधान न्यायाधीश की जिम्मेदारी निभाएंगे।

By एलिना दत्त, Posed by डॉ.अभिज्ञात

Oct 27, 2025 13:35 IST

नयी दिल्लीः न्यायमूर्ति सूर्यकांत भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे हैं। वर्तमान प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में केंद्र के पास न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की है। कानून मंत्रालय की अनुमति के बाद ही जिम्मेदारी का हस्तांतरण होगा। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई का कार्यकाल 23 नवंबर को समाप्त हो रहा है। उसके बाद 24 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के 53वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति सूर्यकांत जिम्मेदारी संभालेंगे।

कब तक रहेगा कार्यकालः अभी सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश सूर्यकांत हैं। परंपरा के अनुसार बीआर गवई ने प्रधान न्यायाधीश के रूप में उनके नाम की सिफारिश की है। प्रधान न्यायाधीश के रूप में सूर्यकांत का कार्यकाल 2027 के 9 फरवरी तक होगा। इस स्थिति में 14 महीने से भी अधिक समय तक वे प्रधान न्यायाधीश की जिम्मेदारी निभाएंगे।

आरमभिक जीवन व शिक्षाः न्यायमूर्ति सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार के एक गांव में जन्म हुआ था। उनके परिवार में कोई भी कानून संबंधी किसी पेशे से जुड़ा नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने व्यक्तिगत रुझान के कारण इस पेशे को चुना था। उनके पिता एक शिक्षक थे। उन्होंने गांव के स्कूल से ही प्राथमिक शिक्षा पूरी की थी। बाद में 1981 में हिसार के सरकारी स्नातकोत्तर कॉलेज से स्नातक और 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की थी।

पेशेवर जीवनः उन्होंने हिसार की जिला अदालत में 1984 में वकील के रूप में पेशेवर जीवन शुरू किया था। बाद में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए 1985 में चंडीगढ़ चले गए थे। 2001 के मार्च महीने में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया था। 2004 के 9 जनवरी को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति नहीं होने तक वे हरियाणा के एडवोकेट जनरल थे।2019 के मई महीने में वे सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में शामिल हुए। उससे पहले उन्होंने 2018 के 5 अक्टूबर से हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश की जिम्मेदारी निभाई थी।

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