'दागी' शिक्षकों की विस्तृत सूची प्रकाशित करें, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दोहराया, नवंबर के पहले सप्ताह में SSC की लिखित परीक्षा का

न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति अलोक आराधे के पीठ ने SSC के वकील कल्याण बंद्योपाध्याय से सवाल पूछा, 'शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद भी अब तक क्यों SSC की नौकरी रद्द हुए अयोग्य शिक्षकों के नाम की सूची प्रकाशित नहीं की गई है?'

By अरिंदम बंद्योपाध्याय, Posted by डॉ.अभिज्ञात

Oct 09, 2025 15:51 IST

नई दिल्ली: स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) की नवीं–दसवीं और ग्यारहवीं–बारहवीं में शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा पिछले महीने ही संपन्न हो गई थी। लेकिन 2016 की SSC परीक्षा के तथाकथित 'अयोग्य' या 'टेंटेड' शिक्षकों की सूची के प्रकाशन को लेकर विवाद अब भी जारी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी बार-बार शीर्ष अदालत में मामला आया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 'दागी अयोग्य' शिक्षकों की विस्तृत सूची प्रकाशित न करने को लेकर बुधवार को फिर असंतोष जताया। न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति अलोक आराधे के पीठ ने इस दिन SSC के वकील कल्याण बंद्योपाध्याय से सवाल पूछा, 'शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद भी अब तक क्यों SSC की नौकरी रद्द हुए अयोग्य शिक्षकों के नाम की सूची प्रकाशित नहीं की गई है?'

पीठ का कहना था, 'दागी अयोग्य' शिक्षकों की सूची अस्पष्ट है। न्यायमूर्ति संजय कुमार ने कहा, 'विस्तार से सूची प्रकाशित करनी होगी। उसमें विषयवार, आरक्षणवार विस्तृत जानकारी होनी चाहिए।' SSC की ओर से कल्याण और राज्य की ओर से एक अन्य वरिष्ठ वकील कपिल सिबल ने बताया, 'दागी अयोग्य' शिक्षकों के नाम की सूची पहले से ही प्रकाशित की गई है। उसमें सभी के नाम हैं। इसके संदर्भ में न्यायमूर्ति कुमार ने कहा, 'कहीं कोई गोपनीयता न रखें। विस्तार से उल्लेख करके फिर से दागी अयोग्य शिक्षकों की सूची प्रकाशित करें। वरना इस मामले को लेकर फिर जटिलता पैदा होगी। फिर कोई किसी और बात को लेकर अदालत में आएगा।'

कल्याण-सिबल ने अदालत में तर्क दिया, ' SSC ने अयोग्य' शिक्षकों के एडमिट कार्ड रद्द कर दिए हैं। उन्हें स्कूल सर्विस कमीशन की भर्ती परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया है। इस मामले में शीर्ष कोर्ट ने बार-बार समझाया है कि यह सुनिश्चित करना होगा कि नई भर्ती प्रक्रिया में किसी भी तरह से 'टेंटेड' या 'अयोग्य' शिक्षकों को मौका न दिया जाए। इस दिन भी पीठ ने वही बात दोहराई।

कल्याण ने बताया, अदालत के निर्देश के अनुसार गत 7 और 14 सितंबर को SSC की नवीं-दसवीं और ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के शिक्षक पद की भर्ती परीक्षा यथोचित रूप से ली गई है। परीक्षार्थियों को OMR शीट की प्रति भी दी गई है। मॉडल उत्तर पत्र भी वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। नवंबर के पहले सप्ताह में वे इस परीक्षा का परिणाम प्रकाशित करने की कोशिश कर रहे हैं। न्यायमूर्ति कुमार ने कहा कि मेधा सूची में प्रत्येक का नाम उल्लेख करना होगा। इस मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार गत सितंबर महीने में SSC की नवीं-दसवीं और बारहवीं-ग्यारहवीं कक्षा में शिक्षक भर्ती की परीक्षा हुई है। बुधवार को SSC ने अदालत को बताया कि नवंबर के पहले सप्ताह में ही परिणाम प्रकाशित करने की कोशिश कर रहे हैं। अदालत ने इसकी अनुमति दे दी है।


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