बंगाल की खाड़ी से उठा भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ मंगलवार देर रात आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से टकरा गया। तेज हवाओं और भारी बारिश के बीच कोनासीमा जिले के मकानगुडेम गांव में एक महिला की मौत हो गई जब एक उखड़ा हुआ ताड़ का पेड़ उसके ऊपर गिर गया। तूफान का असर पड़ोसी राज्य ओडिशा में भी देखने को मिल रहा है जहां 15 जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। दक्षिणी जिलों मलकानगिरी, कोरापुट, कालाहांडी, कंधमाल, बलांगीर और नबरंगपुर में भारी बारिश और भूस्खलन की खबरें हैं।
काकीनाडा में लैंडफॉल, तेज हवाओं से मची तबाही
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि साइक्लोन मोंथा ने मंगलवार आधी रात के करीब काकीनाडा के पास तट को पार किया। इस दौरान हवाओं की गति 90 से 100 किमी प्रति घंटा रही जबकि झोंकों में 110 किमी प्रति घंटा तक की स्पीड दर्ज की गई। तूफान के साथ आई मूसलाधार बारिश से कई तटीय गांवों में पानी भर गया और समुद्र की लहरें 10-12 फीट तक ऊंची उठीं। बिजली के खंभे और पेड़ उखड़ गए जिससे कई क्षेत्रों में संचार व बिजली सेवाएं बाधित हैं।
एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश सरकार ने तटीय जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है। NDRF और SDRF की 24 से अधिक टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों को संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने और नुकसान को न्यूनतम रखने के निर्देश दिए हैं।
भारी तबाही – हजारों लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चक्रवाती तूफान मोंथा से प्रभावित इलाकों में करीब 76,000 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। राज्य सरकार ने 219 मेडिकल कैम्प लगाए हैं और 865 टन पशु चारा की व्यवस्था की है। खेतों में धान, मिर्च, केला, पपीता जैसी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। कई स्थानों पर सड़कें कट गई हैं और पुलों पर यातायात रोका गया है। प्रारंभिक आंकलन के अनुसार तूफान से 38,000 हेक्टेयर में खड़ी फसलें और 1.38 लाख हेक्टेयर में बागवानी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं।
ओडिशा में भारी बारिश और भूस्खलन, 15 जिले प्रभावित
तूफान का असर पड़ोसी राज्य ओडिशा में भी देखने को मिल रहा है जहां 15 जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। दक्षिणी जिलों मलकानगिरी, कोरापुट, कालाहांडी, कंधमाल, बलांगीर और नबरंगपुर में भारी बारिश और भूस्खलन की खबरें हैं।
मुख्यमंत्री मोहन मांझी ने कहा,“ओडिशा को ज्यादा खतरा नहीं है पर सभी टीमें पूरी तरह तैयार हैं। गर्भवती महिलाओं, बुज़ुर्गों और बीमार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राहत शिविरों में भोजन और पानी की पूरी व्यवस्था की गई है।” राज्य के कई हिस्सों में स्कूल और आंगनवाड़ी बंद कर दिए गए हैं। गिरे पेड़ों से बाधित सड़कों को साफ करने का काम लगातार जारी है।
हवाई और सड़क यातायात ठप
मौसम की खराबी के कारण 35 से अधिक उड़ानें रद्द की गईं जिनमें 30 इंडिगो, दो एयर इंडिया और पांच एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानें शामिल हैं। विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम, राजमुंदरी और शमशाबाद (तेलंगाना) हवाईअड्डों पर संचालन प्रभावित है। समुद्र में ऊंची लहरों और मलबे के कारण काकीनाडा और उप्पाडा बीच रोड का आठ किलोमीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं, ओडिशा के गोपालपुर बंदरगाह पर 50 से अधिक मछली नौकाएं फंसी हुई हैं।
कई राज्यों में अलर्ट – तमिलनाडु से बिहार तक असर
मौसम विभाग के मुताबिक, मोंथा के कारण पूर्वी और दक्षिणी भारत के कई राज्यों में मौसम का मिज़ाज बिगड़ गया है। तमिलनाडु के उत्तरी जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में रेड अलर्ट, झारखंड में 31 अक्टूबर तक भारी बारिश का पूर्वानुमान जबकि बिहार में 28 अक्टूबर से 1 नवंबर के बीच वज्रपात और मेघ गर्जन की चेतावनी जारी है। 29 अक्टूबर को बांका, जमुई, कैमूर, भागलपुर, नवादा और मुंगेर जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
क्या है ‘मोंथा’?
मोंथा नाम के इस चक्रवाती तूफान ने चारों तरफ हाहाकार मचा दिया है। यह तूफान बंगाल की खाड़ी में विकसित हुआ और धीरे-धीरे “गंभीर चक्रवाती तूफान” में बदल गया। मौसम विभाग के अनुसार, यह अब उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है और अगले 24 घंटे में कमजोर पड़ने की संभावना है।
प्रशासन की अपील
मौसम विभाग और राज्य सरकारों ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों से अपील की है कि घरों के भीतर रहें और अनावश्यक यात्रा न करें। समुद्र तट और ऊंचे पेड़ों से दूर रहें। बिजली और गैस कनेक्शन बंद रखें, स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। आंध्र प्रदेश और ओडिशा में मोंथा ने तबाही मचाई है। अब तक एक महिला की मौत, फसलों का भारी नुकसान, सैकड़ों गाँवों में जलभराव, और हजारों लोग राहत शिविरों में पहुंचे हैं। भारतीय मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक भारी बारिश और तेज हवाओं के चलते सतर्कता बरतने की सलाह दी है।