नयी दिल्लीः बिरयानी में कीड़ा! आठ साल पुराने एक मामले में नई दिल्ली जिला उपभोक्ता आयोग ने भारतीय रेल खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही लंबी दूरी की ट्रेनों में अस्वच्छ और अस्वास्थ्यकर भोजन परोसने के लिए आईआरसीटीसी को चेतावनी भी दी गई है।
यह मामला 28 दिसंबर 2018 का है। उस दिन दिल्ली से रांची जाने वाली पूर्वा एक्सप्रेस ट्रेन में एक यात्री ने आईआरसीटीसी से 80 रुपये की एक वेज बिरयानी मंगाई थी। कुछ खाने के बाद उन्होंने देखा कि बिरयानी में एक बड़ा कीड़ा मौजूद है। यह देखकर वे बीमार पड़ गए और उल्टी करने लगे। यात्री ने बताया कि वह अकेले यात्रा कर रहे थे, इसलिए उन्हें तुरंत चिकित्सीय सहायता नहीं मिल सकी। उन्होंने भारतीय रेल की हेल्पलाइन 139 पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराई कि बिरयानी में कीड़ा था। उनका आरोप है कि जिस ठेकेदार कंपनी के ज़रिए भोजन सप्लाई किया गया था, उसके कर्मचारियों ने उनसे शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया।
दबाव के आगे न झुकते हुए यात्री ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (डीसीडीआरसी) में शिकायत दर्ज कराई और आईआरसीटीसी से 5 लाख का मुआवज़ा मांगा। अपने पक्ष में उन्होंने सबूत के तौर पर 28 दिसंबर को दर्ज की गई शिकायत की कॉपी, ट्रेन टिकट, बिरयानी में कीड़े की तस्वीरें और वीडियो, चिकित्सा रिपोर्ट तथा रेलवे से प्राप्त शिकायत की रसीद आयोग के समक्ष प्रस्तुत की। सभी दस्तावेज़ों की जांच के बाद मणिका श्रीवास्तव और किरण कौशल के पीठ ने यह तय किया कि आईआरसीटीसी की ओर से कर्तव्य में लापरवाही की गई थी।
पीठ ने कहा कि यद्यपि आईआरसीटीसी ने इस घटना पर खेद व्यक्त किया है परंतु यह पर्याप्त नहीं है। अस्वच्छ भोजन परोसकर यात्री को शारीरिक और मानसिक पीड़ा देने के लिए आईआरसीटीसी पर 25 हजार का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही कहा गया कि यह फैसला केवल आईआरसीटीसी के लिए ही नहीं, बल्कि सभी जनसेवा प्रदान करने वाले संगठनों के लिए एक उदाहरण होगा। केवल माफी मांगकर ज़िम्मेदारी से बचा नहीं जा सकता।