9 ब्रिटिश विश्वविद्यालय भारत में अपने परिसर स्थापित करेंगे, मोदी-स्टार्मर बैठक में और क्या निर्णय लिए गए?

पांच प्रसिद्ध ब्रिटिश विश्वविद्यालयों ने प्रमुख भारतीय शहरों में अपने परिसर स्थापित करने की योजना की घोषणा की है।

By Debdeep Chakraborty, Posted by: Shweta Singh

Oct 10, 2025 02:20 IST

भारत और ब्रिटेन शिक्षा के विस्तार के लिए हाथ मिला रहे हैं। नौ प्रतिष्ठित ब्रिटिश विश्वविद्यालय भारत में अपने परिसर स्थापित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ बैठक के बाद इसकी घोषणा की। शिक्षा के अलावा भारत और ब्रिटेन सामुदायिक और सैन्य संबंधों को बढ़ाने के लिए भी मिलकर काम करेंगे। मोदी- स्टार्मर की बैठक के बाद कई महत्वपूर्ण पहलू सामने आए।

बैठक के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया। उस दिन मोदी ने कहा, "भारत और ब्रिटेन के बीच संबंध लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन में विश्वास पर आधारित हैं। वैश्विक अस्थिरता के इस दौर में भारत और ब्रिटेन के बीच मज़बूत संबंध वैश्विक स्थिरता और आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बने हुए हैं।"

किन विश्वविद्यालयों में परिसर होंगे?

ब्रिटेन के पांच प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ने भारत के प्रमुख शहरों में परिसर स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ने पहले ही एक परिसर खोल लिया है। ब्रिस्टल विश्वविद्यालय को भी मुंबई में एक नया उद्यम परिसर खोलने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मंजूरी मिल गई है। इन विश्वविद्यालयों के परिसर हैं -

1. साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय - गुरुग्राम (परिसर पहले से ही खुला है)

2. लिवरपूल विश्वविद्यालय - बेंगलुरु

3. यॉर्क विश्वविद्यालय - मुंबई

4. एबरडीन विश्वविद्यालय - मुंबई

5. ब्रिस्टल विश्वविद्यालय – मुंबई

सैन्य क्षेत्र में क्या समझौता हुआ है?

दोनों देशों के बीच एक सैन्य प्रशिक्षण समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत और ब्रिटेन के बीच सैन्य सहयोग और मजबूत हुआ है। कई क्षेत्रों में सह-उत्पादन पर विचार किया जा रहा है।" इस नए समझौते के तहत भारतीय वायु सेना के विमान ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स के साथ प्रशिक्षक के रूप में काम करेंगे।

आर्थिक संबंध मजबूत हुए

दोनों देशों ने पिछले जुलाई में भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) पर हस्ताक्षर किए थे। सीईटीए, ब्रिटेन को भारत के 99 प्रतिशत निर्यात को शुल्क-मुक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता है। इस सूची में कपड़ा, चमड़ा, समुद्री उत्पाद, रत्न, आभूषण, खिलौने, इंजीनियरिंग उत्पाद, रसायन और ऑटो पार्ट्स जैसे उत्पाद शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि आज की बैठक में दोनों देशों के बीच आर्थिक एकीकरण को तेज करने पर भी चर्चा हुई।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल जुलाई में ब्रिटेन का दौरा किया था। उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की थी। उस यात्रा के दौरान मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। मोदी ने स्टार्मर को उस यात्रा के दौरान भारत आने का निमंत्रण दिया था।

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