एई समय, नयी दिल्लीः'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमले से भारत को रूस निर्मित एस-400 'ट्रायम्फ' वायु रक्षा प्रणाली ने बचाया था। भारत ने देशी वायु रक्षा प्रणाली होने के बावजूद, जिस बहुस्तरीय सुदर्शन चक्र व्यवस्था से पाक हमले को विफल किया था, उसका आधार एस-400 ही था। सोमवार को रूसी सरकारी समाचार एजेंसी तास ने बताया कि रूस2026 में एक और एस-400 प्रणाली की भारत को आपूर्ति करेगा।
अब तक की आपूर्ति की स्थितिः भारत ने 5 अक्टूबर 2018 को 543 करोड़ अमेरिकी डॉलर या 40,000 करोड़ रुपये में 5 एस-400 वायु रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए रूस के साथ समझौता किया था। एक रूसी रक्षा सूत्र के हवाले से तास ने बताया कि इनमें से अब तक चार प्रणालियों की आपूर्ति की जा चुकी है। पांचवीं अगले साल आपूर्ति की जाएगी। यानी, 2026 में ही इस समझौते के तहत सभी एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति पूरी हो जाएगी।
सुरक्षा में गेम-चेंजरः पांचवीं एस-400 मिसाइल प्रणाली के आ जाने से भारत की रक्षा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। यह 400 किलोमीटर दूर तक किसी भी लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन का पता लगाने और आकाश में ही नष्ट करने में सक्षम है। हाल के समय में पड़ोसी देशों की ओर से आकाश मार्ग से आने वाले विभिन्न प्रकार के खतरों का मुकाबला करने में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हालिया खतरों से मुकाबलाः एस-400 'ट्रायम्फ' ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत के हवाई क्षेत्र को सुरक्षित रखकर अपनी प्रभावशीलता का प्रमाण दिया है। पाकिस्तान ने एक एस-400 प्रणाली को नष्ट करने का दावा किया था। बाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद इस प्रणाली के सामने खड़े होकर भाषण देकर पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश किया।
‘रूसी मांसपेशी’ को बूस्टर डोजः एक और एस-400 का आना भारत की इस 'रूसी मांसपेशी' को बूस्टर डोज की तरह है।