2025 की शुरुआत में ही कई लोगों को आभास हो गया था कि इस साल ठंड अच्छी-खासी पड़ेगी लेकिन कोलकाता लमाहाटा या तकदाह जैसा ठंडा हो जाएगा, यह शायद किसी ने नहीं सोचा था। ठंड के कारण हड्डियों तक कंपकंपी महसूस होने लगी है और उसके साथ-साथ दर्द भी बढ़ गया है। मध्यम आयु के लोगों के लिए बार-बार दर्द निवारक दवाएं लेना सही नहीं होता। सुबह के समय या रात में गर्म सेंक लेने से राहत मिलती है। इसी वजह से कई लोग अपने पास इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड रखते हैं। इसमें हॉट वॉटर बैग की तरह पानी गर्म करने की परेशानी नहीं होती। बिस्तर पर लेटे-लेटे स्विच ऑन करते ही यह काम करने लगता है।
डॉक्टरों का कहना है कि अगर सावधानी और सुरक्षा के साथ हीटिंग पैड का इस्तेमाल किया जाए, तो इसमें कोई समस्या नहीं है। सिर्फ दर्द ही नहीं बल्कि कई दूसरी स्थितियों में भी हीटिंग पैड फायदेमंद हो सकता है।
हीटिंग पैड कब इस्तेमाल करें?
1) ऑफिशियल जर्नल ऑफ द एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट्स इन स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, कंधे, कमर या पैरों की मांसपेशियों पर हल्की गर्म सेंक देने से चलना-फिरना आसान हो जाता है और हाथ-पैर सक्रिय रहते हैं। सर्दियों में बुजुर्गों के लिए यह तरीका खास तौर पर उपयोगी है।
2) जब शरीर में रक्त संचार ठीक से नहीं होता तो दर्द बढ़ जाता है। गर्म सेंक देने से रक्त प्रवाह बेहतर होता है, जिससे शरीर की हर कोशिका तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचती है। इससे जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में राहत मिलती है।
3) गर्भाशय की मांसपेशियों में दर्द होने पर भी गर्म सेंक दी जा सकती है। मांसपेशियों के संकुचन-प्रसार से होने वाला दर्द काफी हद तक कम हो सकता है।
4) उम्र से जुड़ा दर्द, जैसे आर्थराइटिस की समस्या में भी गर्म सेंक काफी असरदार होती है। ठंड के मौसम में बुजुर्गों के लिए हाथ-पैर हिलाना-डुलाना मुश्किल हो जाता है, ऐसे में गर्म सेंक से आराम मिलता है।
5) सर्दियों में शरीर का तापमान भी कम हो जाता है। पैरों के तलवों पर गर्म सेंक देने से धीरे-धीरे तापमान सामान्य स्तर पर लौट आता है और शरीर में गर्माहट बढ़ती है।