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फैटी लिवर से परेशान हैं? रोज करें ये 3 योगासन, मिलेगा जबरदस्त फायदा

जो लोग शराब का सेवन करते हैं, उनमें फैटी लिवर अल्कोहॉलिक होता है और जो लोग शराब को हाथ भी नहीं लगाते, वे नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर से प्रभावित होते हैं।

By अंकिता दास, Posted by: प्रियंका कानू

Dec 31, 2025 19:19 IST

चाहे आप शराब पीते हों या नहीं, फैटी लिवर की समस्या कभी भी आपको घेर सकती है। ज्यादा चर्बी वाले भोजन से मिलने वाला फैट धीरे-धीरे लिवर में जमा होने लगता है, जिससे यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है इसलिए डॉक्टर फैटी लिवर से पीड़ित लोगों को खान-पान में खास सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। इसके साथ ही खून में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल के स्तर को नियंत्रित रखना भी ज़रूरी है क्योंकि फैटी लिवर के लिए यह भी एक बड़ा कारण माना जाता है।

जो लोग शराब पीते हैं, उनमें यह समस्या अल्कोहॉलिक फैटी लिवर के रूप में दिखती है, जबकि शराब न पीने वालों में नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर पाया जाता है। अगर समय रहते इस समस्या को नियंत्रित न किया जाए, तो आगे चलकर यह लिवर सिरोसिस का रूप ले सकती है। हालांकि शुरुआती अवस्था में पता चलने पर फैटी लिवर को आसानी से काबू में किया जा सकता है। योग प्रशिक्षकों का कहना है कि संतुलित और स्वस्थ आहार के साथ-साथ रोज़ कुछ योगासन करने से फैटी लिवर की समस्या में काफी लाभ मिलता है।

फैटी लिवर के लिए 3 असरदार योगासन

1) धनुरासन:

मैट पर पेट के बल लेट जाएं। दोनों पैरों को मोड़कर पैरों को जितना हो सके पीठ की ओर लाएं। अब हाथ पीछे ले जाकर दोनों पैरों के टखनों को मजबूती से पकड़ें। पैरों को सिर की दिशा में खींचें। इस दौरान छाती, घुटने और जांघ ज़मीन से ऊपर उठेंगी, जबकि पेट और निचला पेट ज़मीन पर रहेगा। श्वास-प्रश्वास सामान्य रखें।

2) भुजंगासन:

मैट पर पेट के बल लेटकर दोनों पैरों को आपस में मिलाएं। हाथों को शरीर के दोनों ओर रखें, हथेलियां ज़मीन पर टिकी रहें। अब हाथों के सहारे धीरे-धीरे सिर और छाती ऊपर उठाएं। कमर से पैरों तक शरीर सीधा रहेगा और नाभि जमीन से लगी रहेगी। इस स्थिति में 10–15 सेकंड रुकें। इसे 3 से 5 बार दोहराया जा सकता है। आवश्यकता हो तो शवासन में 10 सेकंड आराम करें।

3) हलासन-:

मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं। दोनों पैरों को साथ उठाएं और हाथों से कमर को सहारा दें। सांस छोड़ते हुए पैरों को पीछे की ओर ले जाकर पैर की उंगलियों को ज़मीन से छुआएं। इस स्थिति में 20 सेकंड तक सामान्य श्वास-प्रश्वास बनाए रखें। फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लौट आएं।

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