त्योहारों की भागदौड़ खत्म होते ही एक अजीब सा खालीपन हमें घेर लेता है। बस मन में कुछ कमी सी महसूस होती है। फिर भी हजार कोशिशों के बावजूद हम 'क्या कमी है' का जवाब नहीं ढूंढ पाते। हालांकि यह लक्षण पहली नजर में किसी बीमारी जैसा न लगे लेकिन मनोवैज्ञानिक इसे 'पोस्ट-फेस्टिव डिप्रेशन' कहते हैं।
ऐसी समस्याओं पर काबू पाने का एक आसान तरीका है बागवानी। तरह-तरह के रंग-बिरंगे फूल या फलों के पेड़ देखना अक्सर मन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। लेकिन क्या दो कमरों वाले छोटे से फ्लैट की बालकनी में अपनी पसंद का बगीचा बनाना संभव है?
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सही तरीके से योजना बनाई जाए तो बालकनी को भी बगीचे में बदला जा सकता है। इसके लिए क्या जानना जरूरी है?
1) छोटी बालकनी, कोई नुकसान नहीं
दो कमरों वाले छोटे से फ्लैट में कितनी बड़ी बालकनी हो सकती है? वहां हज़ारों फूल वाले पौधे रखना मुमकिन नहीं है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सही योजना बनाई जाए तो सब कुछ मुमकिन है। ऐसे में, 'वर्टिकल गार्डन' एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। मनी प्लांट, पेटुनिया, बोगनविलिया से लेकर फर्न या सकुलेंट्स तक - हर तरह के पौधे रखे जा सकते हैं। आप चाहें तो फूलों की जगह सब्जियों के पौधे लगाकर इसे 'वर्टिकल किचन गार्डन' भी बना सकते हैं।
2) बालकनी की रेलिंग का इस्तेमाल करें
गीले कपड़े सुखाने के बजाय आप बालकनी की रेलिंग पर कई रेंगने वाले पौधे रख सकते हैं। इस तरह की बागवानी मुख्य रूप से इटली, ग्रीस, जापान और फ्रांस में की जाती है। लेकिन आपको कौन से फूल वाले पौधे रखने चाहिए? माधवीलता, बुद्ध चमेली, फ्लेम बेल, अलकनंदा, झुमकोल्टा जैसे फूल वाले पौधे बालकनी में लगाये जा सकते हैं। यह बालकनी की सुंदरता और मन की शांति, दोनों के लिए अच्छा है।
3) लटकते हुए टब, पौधों वाले नहीं
अगर आप छोटी बालकनी में फूलों के टब रखेंगे तो चलने के लिए जगह नहीं बचेगी। अगर आप मिट्टी के टब को दिन-ब-दिन एक ही जगह पर छोड़ देंगे तो फर्श खराब होने का खतरा है। ऐसे में सबसे अच्छा तरीका है कि बालकनी में लटकते हुए पौधे रखें। आप पेटुनिया, फ्यूशिया, बेगोनिया, स्ट्रिंग ऑफ पर्ल जैसे पौधे रख सकते हैं। आप लटकते हुए टब में स्ट्रॉबेरी भी उगा सकते हैं।