मुंबई: मशहूर बॉलीवुड अभिनेता और कॉमेडियन असरानी का सोमवार को निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से बीमार थे और 84 साल के थे। उनका अंतिम संस्कार सांताक्रूज़ श्मशान घाट में किया गया, जिसमें उनके परिवार के सदस्य शामिल हुए। वे अपनी पत्नी मंजू असरानी, बहन और भतीजे के साथ परिवार छोड़ गए हैं। उनकी कोई संतान नहीं थी।
असरानी के मैनेजर बाबू भाई थीबा ने मीडिया को जानकारी दी कि असरानी का निधन दोपहर 3 बजे जुहू के आरोग्य निधि अस्पताल में हुआ। वे अपनी पत्नी, बहन और भतीजे को पीछे छोड़ गए हैं। असरानी ने आज सुबह अपने इंस्टाग्राम पर दिवाली की शुभकामनाएं भी दी थीं।
असपानी ने अपना फिल्मी सफर 1960 के दशक में शुरू किया और 1970 के दशक में बहुत नाम कमाया। उस दौर में वे सबसे भरोसेमंद चरित्र कलाकारों में गिने जाते थे। असरानी ने करीब 50 सालों तक फिल्मों में काम किया और 350 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया। वे अपनी कॉमेडी और अलग अंदाज़ के लिए बहुत पसंद किए जाते थे।
उनकी यादगार फिल्मों में ‘मेरे अपने’, ‘कोशिश’, ‘बावर्ची’, ‘परिचय’, ‘अभिमान’, ‘चुपके चुपके’, ‘छोटी सी बात’ और ‘रफ़ू चक्कर’ आदि शामिल हैं। उन्होंने बाक्स आफिस पर कई हिट फिल्में दी हैं, जिनमें ‘ ‘बंटी और बबली 2’, ‘आर... राजकुमार’, ‘ऑल द बेस्ट’, भूल भुलैया’, ‘धमाल’ और ‘वेलकम’ का नाम शुमार किया जाता है। हालांकि वे फिल्म ‘शोले’ (1975) में पागल जेलर की भूमिका के लिए अलग से याद किये जाते हैं।
असरानी का पूरा नाम गोवर्धन असरानी था लेकिन वे असरानी नाम से ही लोकप्रिय थे। उन्होंने फिल्म लेखन और निर्देशन भी किया है। 1977 में उन्होंने फिल्म ‘चला मुरारी हीरो बनने’ बनाई और उस फिल्म के नायक भी रहे। उन्होंने ‘सलाम मेमसाब’ (1979) फिल्म निर्देशित की थी। उन्होंने गुजराती फिल्मों में भी काम किया और लोकप्रियता हासिल की।