कान फिल्म अवॉर्ड जीतने वाली पहली इंडियन एक्ट्रेस कामिनी कौशल का 98 वर्ष की उम्र में निधन

उनकी आखिरी स्क्रीन उपस्थिति आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा में हुई। उनका फिल्मी करियर लगभग 76 वर्षों तक फैला।

By डॉ. अभिज्ञात

Nov 14, 2025 16:33 IST

हिंदी सिनेमा की शुरुआती महिला सितारों में से एक कामिनी कौशल का 98 वर्ष की आयु में मुंबई में निधन हो गया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1946 में क्लासिक फिल्म 'नीचा नगर' से की थी और 2022 तक फिल्मों में सक्रिय रहीं। उनकी आखिरी स्क्रीन उपस्थिति आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा में हुई। उनका फिल्मी करियर लगभग 76 वर्षों तक फैला।

प्रारंभिक जीवनः कामिनी कौशल का जन्म 24 फरवरी 1927 को लाहौर में उमा कश्यप के रूप में हुआ। उनके पिता, शिव राम कश्यप, भारतीय वनस्पति विज्ञान के जनक माने जाते थे और प्री-पार्टिशन लाहौर के पंजाब विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। वे दो भाई और तीन बहनों में सबसे छोटी थीं। उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातक की डिग्री हासिल की थी।

फिल्मी करियर की शुरुआतः उनका फिल्मी करियर तब शुरू हुआ जब परिवार के मित्र और फिल्म निर्माता चेतन आनंद ने उन्हें नीचा नगर (1946) के लिए आमंत्रित किया। इस फिल्म में उन्होंने रफीक अनवर और चेतन आनंद की पत्नी उमा के साथ अभिनय किया इस फिल्म ने प्रथम कान फिल्म फेस्टिवल में ग्रां प्रिक्स जीता। चेतन आनंद ने उनका नाम बदलकर कामिनी कौशल रखा ताकि दो उमा के बीच भ्रम न हो।

सफलता और प्रमुख फिल्मेंः फिल्म नीचा नगर की सफलता के बाद उन्होंने दिलीप कुमार, देव आनंद और राज कपूर के साथ कई फिल्मों में काम किया। उनकी प्रमुख फिल्मों में जेल यात्रा, दो भाई, आग, शहीद, नदिया के पार, ज़िद्दी, शबनम और आरजू शामिल हैं। उन्होंने बिमल रॉय की 1954 की फिल्म बिराज बहू में मुख्य भूमिका निभाई, जिसे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। इसके उन्होंने प्रेमचंद के उपन्यास गोदान के फिल्म रूपांतरण में भी मुख्य भूमिका निभाई।

मातृत्व भूमिकाएँ और बाद के करियरः1967 में मनोज कुमार की फिल्म उपकार के बाद उन्होंने फिल्मों में मां की भूमिकाओं की ओर रुख किया। उन्होंने मनोज कुमार की अन्य हिट फिल्मों पूरब और पश्चिम, संन्यासी, शोर, रोटी कपड़ा और मकान, दस नंबरी और संतोष में मां की भूमिका निभाई। उन्होंने राजेश खन्ना की प्रेम नगर और महाचोर में भी मां का किरदार निभाया। 1984 में उन्होंने ब्रिटिश टीवी सीरियल द ज्वेल इन द क्राउन में आंटी शालिनी की भूमिका भी निभाई।

अंतिम फिल्में और टीवी करियरः कामिनी कौशल ने अपने करियर के अंत तक फिल्मों में काम किया। उन्होंने शाहरुख़ खान की चेन्नई एक्सप्रेस, शाहिद कपूर की कबीर सिंह और आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा में कैमियो किया। लाल सिंह चड्ढा में उन्होंने 95 वर्ष की आयु में ट्रेन में यात्रा करती बुजुर्ग महिला की भूमिका निभाई। टीवी में उन्होंने चाँद सितारे, शन्नो की शादी और वक़्त की रफ्तार जैसे शो किए।

पारिवारिक जीवनः कामिनी कौशल ने 1948 में अपने बहनोई बीएस सूद से शादी की। उन्होंने दो बेटियों को गोद लिया और उनके तीन पुत्र राहुल, विदुर और श्रवण थे।

Prev Article
श्रेया घोषाल के कॉन्सर्ट में भगदड़, भीड़ में दो दर्शक बीमार
Next Article
धर्मेंद्र की तबीयत में सुधार, देओल परिवार कर रहा है 90वां जन्मदिन मनाने की तैयारी! कैसे? जानिए यहां

Articles you may like: