इस बार का सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्या यह सूर्य ग्रहण भारत से दिखाई देगा? क्या होगा समय और इसका सूतक काल?
कोलकाता, 12 सितंबर : साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) 21 सितंबर को लगने वाला है। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होने वाला है। ज्योतिष शास्त्र के आधार पर इस बार का सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह सर्वपितृ अमावस्या के दिन होने वाला है। इसके ठीक अगले दिन यानी 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। लेकिन क्या यह सूर्य ग्रहण भारत से दिखाई देगा? क्या होगा समय और इसका सूतक काल?
समय
भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण 21 दिसंबर की देर रात को लगभग 11 बजे शुरू होगा जो 22 सितंबर की सुबह 3.23 बजे तक चलेगा। यानी सूर्य ग्रहण लगभग 4 घंटे से ज्यादा समय तक चलने वाला है। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण न्यूजीलैंड, अंटार्टिका, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका समेत विश्व के दूसरे हिस्सों में नजर आएगा।
क्या भारत में मान्य होगा सूतक काल?
चुंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई ही नहीं देने वाला है, इसलिए न तो इसका सूतक काल भारत में मान्य होगा और न ही किसी धार्मिक कार्य पर इसका प्रभाव पड़ेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी ग्रहण का प्रभाव सिर्फ उन जगहों पर ही पड़ता है जहां वह दिखाई देता है। भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देने की वजह से इसका कोई प्रभाव भी भारत के किसी भी नागरिक पर नहीं पड़ेगा।
खगोलविदों के अनुसार सूर्य ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आ जाता है। इस वजह से सूर्य पर चंद्रमा की परछाई पड़ती है और वह आंशिक या पूर्ण रूप से ढंक जाता है।