नयी दिल्लीः पान मसाला और गुटखा को लेकर केन्द्र सरकार और अधिक कठोर रुख अपनाने जा रही है। इस बार अतिरिक्त उपकर लगाने की तैयारी है। सोमवार को शीतकालीन सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस विषय से जुड़े दो विधेयक पेश करने वाली हैं-केन्द्रीय आबकारी (संशोधन) विधेयक, 2025 और स्वास्थ्य सुरक्षा से सम्बंधित राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025। इन दोनों विधेयकों का उद्देश्य राजस्व में वृद्धि करना और अवैध कारोबार पर नियंत्रण करना है। विशेषज्ञों का एक वर्ग मानता है कि इसके परिणामस्वरूप दाम बढ़ेंगे। दाम घटने की कोई संभावना नहीं है।
Central Excise (Amendment) Bill, 2025
सिगरेट, ज़र्दा, सुगन्धित तम्बाकू, सिगार, हुक्का आदि पर अभी जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है। अब इसकी जगह केन्द्रीय आबकारी (संशोधन) विधेयक लागू होगा। इसका अर्थ है कि तम्बाकू उत्पादों पर शुल्क लगाने का अधिकार अब जीएसटी परिषद के पास नहीं रहेगा, बल्कि सीधे केन्द्र सरकार के हाथ में आ जाएगा। जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर की अवधि सीमित थी। केन्द्र सरकार इस ढांचे को बदलकर सीधे आबकारी शुल्क के माध्यम से नियंत्रण और राजस्व बढ़ाने का प्रबन्ध करना चाहती है। प्रारूप के अनुसार भले ही जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त हो जाए, तम्बाकू उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने का अधिकार केन्द्र सरकार के पास ही रहेगा।
Health Security to National Security Cess Bill, 2025
इस विधेयक में पान मसाले जैसे कुछ विशिष्ट उत्पादों के उत्पादन पर नया उपकर लगाने का प्रस्ताव है और यह उपकर उत्पादन क्षमता के आधार पर लगाया जाएगा। अर्थात् किसी कारखाने में कितना गुटखा या पान मसाला तैयार होता है, यह नहीं देखा जाएगा। इसके स्थान पर कारखाने में लगी प्रत्येक मशीन की उत्पादन क्षमता के अनुसार कर देना होगा।
प्रस्तावित कानून का उल्लंघन करने पर पांच वर्ष तक की कारावास और भारी जुर्माना का प्रावधान है। हानिकारक उत्पाद जैसे सिगरेट आदि पर भी अतिरिक्त उपकर लगाया जा सकता है। जनहित में इस सूची में अन्य उत्पाद जोड़े जाने की भी सम्भावना व्यक्त की गई है।