Sanchar Saathi ऐप: सभी मोबाइल कंपनियों ने की बैठक, एप्पल ने हिस्सा नहीं लिया

ऐप से ऑनलाइन फ्रॉड रिपोर्ट करना और खोए मोबाइल ट्रेस करना आसान होगा, मंत्री ने किया खुलासा

By श्वेता सिंह

Dec 02, 2025 19:26 IST

नई दिल्ली। संचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासनी ने बताया कि Sanchar Saathi ऐप को लेकर सरकार ने सभी मोबाइल कंपनियों के साथ बैठक की लेकिन Apple इस चर्चा में शामिल नहीं हुआ। बाकी सभी मोबाइल कंपनियां वर्किंग ग्रुप की बैठक में मौजूद थीं। मंत्री ने कहा कि Sanchar Saathi एक आम ऐप की तरह है, जिसे लोग चाहें तो फोन में रख सकते हैं और चाहें तो हटा सकते हैं। यह ऐप ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करने, स्पैम कॉल-SMS रिपोर्ट करने और खोए हुए मोबाइल को ट्रेस करने में मदद करता है।

फ्रॉड रोकने में ऐप बहुत मददगार

पेम्मासनी ने बताया कि यह ऐप लोगों से मिली जानकारी के आधार पर काम करता है। इससे मिलने वाला डेटा साइबर फ्रॉड रोकने में बहुत उपयोगी होता है। इसी वजह से सरकार चाहती है कि यह ऐप ज्यादा से ज्यादा मोबाइल फोनों में आसानी से उपलब्ध हो, ताकि धोखाधड़ी के मामलों पर जल्दी कार्रवाई की जा सके। मंत्री ने कहा,“वर्किंग ग्रुप बनाया गया था। सभी मोबाइल कंपनियों को बुलाया गया। Apple ही एकमात्र कंपनी है जो नहीं आई।”

Apple ढूंढ सकता है बीच का रास्ता

सूत्रों के मुताबिक, Apple सरकार के आदेश पर अलग से चर्चा करेगा और तकनीकी सीमाओं को देखते हुए कोई मध्यम रास्ता निकालने की कोशिश कर सकता है। Apple इससे पहले TRAI की DND ऐप को भी पूरी तरह सपोर्ट करने में हिचकिचा चुका है। मंत्री ने बताया कि Sanchar Saathi ऐप किसी भी तरह का निजी डेटा नहीं लेता। यह सिर्फ वही नंबर और SMS पढ़ता है, जिसे उपयोगकर्ता फ्रॉड या स्पैम के तौर पर रिपोर्ट करता है। उनके मुताबिक,“अगर आप स्पैम कॉल रिपोर्ट करते हैं, तो ऐप सिर्फ उसी नंबर को लेगा। SMS के मामले में भी वही लागू होता है। इसके अलावा कोई और जानकारी नहीं ली जाती।”

देश में साइबर फ्रॉड का बढ़ता खतरा

मंत्री ने कहा कि पिछले साल 50 लाख लोग साइबर फ्रॉड का शिकार हुए और करीब 23,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। कई लोगों ने शिकायत की कि उनके नाम पर बिना जानकारी के कई मोबाइल नंबर जारी कर दिए गए थे। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, Sanchar Saathi ऐप अंग्रेजी, हिंदी और कई क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है। अब तक 1.4 करोड़ लोग ऐप डाउनलोड कर चुके हैं, और इसकी वेबसाइट को 21 करोड़ बार देखा जा चुका है। यह ऐप पिछले डेढ़ साल से सक्रिय है और पूरी तरह से क्राउडसोर्सिंग पर काम करता है।

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