विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे वित्तीय अपराधों में शामिल कई लोग देश छोड़कर भाग चुके हैं। ये भगोड़े आर्थिक अपराधी देश के विभिन्न सरकारी बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लेकर भाग गए और इस ऋण का भुगतान नहीं किया। ऐसे भगोड़े व्यक्तियों से देश के बैंकों को कुल कितनी राशि वसूलनी है, इस पर अब जानकारी सामने आई है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार को संसद में इसका विवरण पेश किया।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, भगोड़े अपराधियों से देश के विभिन्न पब्लिक सेक्टर बैंकों का कुल 58,082 करोड़ रुपये बकाया है। 31 अक्टूबर 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक, इसमें से 26,645 करोड़ रुपये मूल धन (प्रिंसिपल) है और 31,437 करोड़ रुपये बकाया ब्याज है। कुल बकाया में से 19,187 करोड़ रुपये वसूल किए जा चुके हैं। अभी भी विभिन्न पीएसयू बैंकों को 38,895 करोड़ रुपये (मूलधन + ब्याज) की वसूली करनी है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि विजय माल्या, नीरव मोदी और संदेसरा परिवार समेत कुल 15 व्यक्तियों को फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स (भगोड़े आर्थिक अपराधी) घोषित किया गया है। इन्हें फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट, 2018 के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
देश के सरकारी बैंकों के साथ धोखाधड़ी के मामले में विजय माल्या सबसे ऊपर हैं। किंगफिशर एयरलाइंस के नाम पर उन्होंने कई बैंकों से कर्ज लिया था। केवल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से ही उन्होंने 6,848 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, जो ब्याज सहित बढ़कर 11,960 करोड़ रुपये हो चुका है। इसके अलावा भी कई पीएसयू बैंकों का पैसा माल्या पर बकाया है। कुछ संपत्ति जब्त कर बैंक राशि का एक हिस्सा वसूल कर चुके हैं, लेकिन बड़ी रकम अभी भी बकाया है। भारत से फरार होने के बावजूद लंदन में उनकी आलीशान जिंदगी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर अक्सर सामने आती रहती हैं।
बैंकों के साथ धोखाधड़ी में नीरव मोदी भी कम नहीं हैं। इस हीरा कारोबारी पर कुल 7,800 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। सिर्फ पंजाब नेशनल बैंक से ही उन्होंने 6,799 करोड़ रुपये का लोन लिया था। ब्याज जोड़ने पर यह राशि और अधिक हो जाएगी।