कैबिनेट ने रेयर अर्थ मैग्नेट्स उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ₹7280 करोड़ की योजना को मंजूरी दी

भारत में 6000 MTPA क्षमता वाली एकीकृत REPM मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित होंगी।

By श्वेता सिंह

Nov 26, 2025 17:32 IST

केंद्र सरकार ने देश में रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट्स (REPM) के घरेलू उत्पादन को मजबूत करने और इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के उद्देश्य से ₹7280 करोड़ की नई महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ‘सिन्टर्ड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट्स के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना’ को हरी झंडी मिली है।

₹6450 करोड़ प्रोत्साहन, ₹750 करोड़ सब्सिडी

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना में कुल ₹7280 करोड़ का प्रावधान है। इसमें पाँच वर्षों के लिए ₹6450 करोड़ बिक्री आधारित प्रोत्साहन और ₹750 करोड़ पूंजी सब्सिडी शामिल है। योजना सात वर्षों तक चलेगी—पहले दो वर्ष यूनिट स्थापित करने और अगले पाँच वर्ष प्रोत्साहन देने के लिए निर्धारित किए गए हैं।

पाँच कंपनियों को मिलेगा मौका

सरकार कुल 6000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता पाँच लाभार्थियों के बीच बाँटेगी। इसके लिए ग्लोबल कॉम्पिटिटिव बिडिंग प्रक्रिया अपनाई जाएगी और प्रत्येक कंपनी को अधिकतम 1200 MTPA क्षमता आवंटित की जाएगी।

REPM क्यों है रणनीतिक?

रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट्स दुनिया के सबसे शक्तिशाली मैग्नेट्स माने जाते हैं। इनका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस, और रक्षा उद्योग में व्यापक स्तर पर होता है। फिलहाल भारत अधिकांश REPM चीन से आयात करता है। यह योजना देश में रेयर अर्थ ऑक्साइड से लेकर मेटल, एलॉय और तैयार मैग्नेट तक की पूरी उत्पादन श्रृंखला विकसित करेगी।

आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले को “बेहद महत्वपूर्ण और रणनीतिक” बताया। सरकार के अनुसार यह पहल घरेलू उद्योग को मजबूती देगी, आयात पर निर्भरता घटाएगी, वैश्विक बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगी और देश की Net Zero 2070 प्रतिबद्धता को समर्थन देगी। यह कदम Viksit Bharat @2047 के लक्ष्य को दिशा देने वाली बड़ी नीति पहल मानी जा रही है।

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