बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहरसा में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए एनडीए के ‘विकास मॉडल’ बनाम महागठबंधन के ‘विनाश मॉडल’ का नैरेटिव तेज किया। पीएम मोदी ने कहा, “एनडीए की पहचान विकास से है और राजद-कांग्रेस की पहचान विनाश से है।”
“ज्ञान और नारी सम्मान मिथिला की पहचान”
सहरसा की सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की सांस्कृतिक विरासत और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार की पहचान "ज्ञान और नारी सम्मान" से है। उन्होंने भारत की महिला क्रिकेट टीम को विश्व कप जीतने पर बधाई देते हुए कहा, “भारत की बेटियों ने इतिहास रच दिया है, 25 साल बाद भारत को नया विश्व विजेता मिला है।” पीएम मोदी का यह वक्तव्य न केवल नारी शक्ति पर बल देता है बल्कि युवा वोटरों को विशेषकर पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं को भी जोड़ने का प्रयास दिखाता है।
"कांग्रेस ने राजद को खत्म करने का ठेका लिया है"
पीएम मोदी ने कांग्रेस-राजद गठबंधन पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा,“कांग्रेस ने राजद की लुटिया डुबोने की सुपारी ली है। दोनों दल सिर्फ सत्ता के लालच में साथ हैं।” उन्होंने 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शिलान्यास किए गए कोसी रेल महासेतु का उदाहरण देते हुए कांग्रेस-राजद गठबंधन पर विकास कार्यों को रोकने का आरोप लगाया।
घुसपैठ और ‘जंगल राज’ पर निशाना
पीएम मोदी ने अपने भाषण में घुसपैठ के मुद्दे को भी प्रमुखता दी। उन्होंने कहा, “ये घुसपैठिए आपकी संपत्ति और संसाधनों पर कब्जा कर रहे हैं। बताइए, बिहार का भविष्य आप तय करेंगे या घुसपैठिए?” उन्होंने राजद और कांग्रेस को ‘जंगल राज’ से जोड़ते हुए चेताया कि ये दल बिहार को फिर अंधेरे युग में ले जाने की साजिश कर रहे हैं।
“पहला वोट सरकार बनाने वाला वोट होना चाहिए”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "6 नवंबर की सुबह सहरसा और मधेपुरा में मतदान होगा। इस चुनाव में कई युवा बेटे-बेटियाँ हैं जो पहली बार वोट देंगे। जब मैंने पहली बार वोट डाला, तो मेरी एक इच्छा थी कि मेरा वोट बर्बाद न हो। मैं लहर देखूं और मेरा वोट सरकार बनाए। मुझे खुशी है कि मैं सफल रहा। अब मैं आपसे भी कहता हूं कि आपका पहला वोट सरकार बनाने वाला वोट होना चाहिए, और एनडीए की सरकार बनने जा रही है। आपका वोट एनडीए सरकार को मजबूत करने वाला है।" पीएम मोदी का यह बयान युवाओं को एनडीए के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
“पूरा एनडीए एकजुट है”
पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए के सभी घटक दल पूरी मजबूती के साथ मैदान में हैं और बिहार को “जंगलराज से सुशासन की ओर” ले जाने का काम एनडीए ने किया है। उन्होंने कहा,“जहां पहले अंधेरा और भय था, वहां अब विकास और उम्मीद है।”
इधर कटिहार में एक चुनावी सभा में पीएम मोदी ने कहा, "इन लोगों (महागठबंधन) ने दशकों तक बिहार को बदहाली में रखा क्योंकि विकास कभी उनके एजेंडे में ही नहीं था। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने बिहार को सुशासन दिया। विकास लाया। जहां जंगलराज के दौरान निराशा और हताशा थी, वहां सुशासन नए सपने और नए संकल्प लेकर आया है। लोगों को हम पर अटूट विश्वास है कि केवल एनडीए सरकार ही उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है।
"विकास बनाम विनाश"
पीएम मोदी का भाषण तीन चुनावी थीम पर केंद्रित था पहला विकास बनाम विनाश । दूसरा-नारी सशक्तिकरण और युवा मतदाता और तीसरा- घुसपैठ और सुरक्षा का मुद्दा। विश्लेषकों का मानना है कि यह भाषण न केवल एनडीए समर्थक मतदाताओं को संगठित करने का प्रयास है बल्कि महागठबंधन के भीतर की असहमति को उभारने की कोशिश भी है।
आगे की राह
पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरा 11 नवंबर को होगा। परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
सभी दलों ने अंतिम चरण के प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। सहरसा और आसपास के मिथिला क्षेत्र में इस रैली को एनडीए के लिए ‘मूड सेट करने वाली रैली’ के रूप में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सहरसा की रैली में न केवल विकास की बात की बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव का भी प्रयास किया। वहीं महागठबंधन पर ‘जंगलराज’ और ‘विनाश’ का ठप्पा लगाने की यह रणनीति बिहार चुनाव के नैरेटिव को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकती है।