बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी-कांग्रेस-बाम मोर्चा का गठबंधन लगभग धराशायी हो गया है। एनडीए की तेज आंधी में राहुल-तेजस्वी भी उड़ा दिए गए। पूरे दिन चले कड़े मुकाबले के बाद तेजस्वी यादव ने मुश्किल से राघोपुर में अपना गढ़ बचाया। जब लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी इस स्थिति में हैं तब और भी दबाव में हैं लालू के दूसरे बेटे तेज प्रताप यादव जिनके साथ अब यादव परिवार का संबंध लगभग टूट चुका है। आरजेडी ने उन्हें भी पार्टी से निष्कासित किया था। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई। हालांकि बिहार की राजनीति में कोई प्रभाव छोड़ने में वे सफल नहीं हो पाए।
आरजेडी से निष्कासित होने के बाद तेज प्रताप यादव ने जनता शक्ति जनता दल बनाई। इस बार उन्होंने 21 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। तेज प्रताप खुद महुआ विधानसभा सीट पर खड़े थे। वहां वोट प्राप्ति के मामले में उन्हें काफी पीछे रहना पड़ा। एक समय वे चौथे स्थान पर थे। वोटों की गिनती के बाद देखा गया कि तेज प्रताप यादव तीसरे स्थान पर रहे।
उस सीट पर जीत एलजेपी (रामबिलास) के उम्मीदवार संजय कुमार सिंह ने हासिल की जिन्हें 87,641 वोट मिले। दूसरे स्थान पर रहे मुकेश कुमार रौशन जिन्हें 42,644 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे तेज प्रताप यादव जिन्हें केवल 35,703 वोट मिले। वोट गिनती की शुरुआत से ही तेज प्रताप यादव पीछे थे। यह सीट बिहार के वैशाली जिले में है। 2015 में तेज प्रताप यादव इस सीट से आरजेडी की टिकट पर विधायक बने थे। बाद में 2020 में आरजेडी के मुकेश कुमार रौशन ने इस सीट से जीत हासिल की थी ।