पटना: बिहार चुनाव खत्म हो जाने के बाद से तमाम चैनल एग्जिट पोल के आधार पर एनडीए की बढ़त के दावे कर रहे हैं। सभी बिहार में एनडीए की सरकार बनने की संभावना जता रहे हैं। इस बीच, महागठबंधन के मुख्यमंत्री फेस और राजद नेता तेजस्वी यादव ने सभी एग्जिट पोल को नकारते हुए कहा कि सब कुछ प्रधानमंत्री कार्यालय से सेट है। यह मतगणना के दिन अधिकारियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का प्रयास है।
तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “एग्जिट पोल्स का कोई भरोसा नहीं है। जनता की इच्छा उच्च मतदान के आंकड़ों में झलकती है। इंडिया ब्लॉक 18 नवंबर को शपथ लेगा।”
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में रिकॉर्ड 69 प्रतिशत मतदान और पहले चरण में 65.09 प्रतिशत मतदान हुए। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार की जनता परिवर्तन की मांग कर रही है। तेजस्वी ने बताया कि लगभग 72 लाख नए मतदाताओं ने अपने वोट से सत्ता परिवर्तन का समर्थन किया।
तेजस्वी ने भाजपा पर मतगणना में देरी करने का आरोप लगाते हुए कहा, “हम किसी भी हेरफेर की अनुमति नहीं देंगे। हमारी टीम इस पर निगरानी रखे हुए है।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी यादव के दावे राजनीतिक रणनीति और मतदान व्यवहार के विश्लेषण पर आधारित हैं। उनका तर्क है कि जनता ने महागठबंधन (इंडिया ब्लॉक) को समर्थन दिया है और यह बहुमत हासिल करने के लिए पर्याप्त हो सकता है।
मतगणना 14 नवंबर को होगी जिसे लेकर राजनीतिक दलों और विश्लेषकों की निगाहें टिकी हुई हैं। चुनाव के परिणाम राज्य की राजनीतिक दिशा और भविष्य की रणनीति को स्पष्ट करेंगे।