मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न होने के बाद आए एग्जिट पोल्स ने संकेत दिया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर सकता है। एग्जिट पोल्स के अनुसार, एनडीए को 130 से 160 सीटें मिलने की संभावना है। वहीं, महागठबंधन, जिसने बिहार में बदलाव लाने का वादा किया था, उसे केवल 70 से 100 सीटों पर सिमटने का अनुमान लगाया गया है।
पीपुल पल्स पोल सर्वेक्षण के अनुसार, एनडीए को 133 से 159 सीटें, महागठबंधन को 75 से 101 सीटें, जन सुराज को 0 से 5 सीटें और अन्य दलों को 2 से 8 सीटें मिल सकती हैं।
दैनिक भास्कर पोल के मुताबिक, एनडीए को 145 से 160 सीटें, महागठबंधन को 73 से 91 सीटें, जबकि जन सुराज का खाता खुलने की संभावना नहीं है। अन्य दलों और निर्दलीयों को 5 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है।
डीवीसी रिसर्च पोल सर्वेक्षण के अनुसार, एनडीए को 137 से 152 सीटें, महागठबंधन को 83 से 98 सीटें, जन सुराज को 2 से 4 सीटें और अन्य को 4 से 8 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
बिहार में हुआ रिकॉर्ड मतदान
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार शाम 5 बजे तक बिहार में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 67.14 प्रतिशत की उच्च मतदान दर दर्ज की गई।
सबसे अधिक मतदान किशनगंज जिले में 76.26 प्रतिशत दर्ज किया गया, इसके बाद कटिहार में 75.23 प्रतिशत, पूर्णिया में 73.79 प्रतिशत, सुपौल में 70.69 प्रतिशत, पूर्वी चंपारण में 69.02 प्रतिशत, और बांका में 68.91 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ।
सबसे कम मतदान नवादा जिले में 57.11 प्रतिशत रहा, यह आंकड़ा निर्वाचन आयोग के वोटर टर्नआउट एप्लिकेशन के अनुसार है।
पहले चरण के मतदान में राज्य में 65.08 प्रतिशत की रिकॉर्ड वोटिंग दर्ज की गई थी। सभी राजनीतिक दलों में से जन सुराज ने उच्च मतदान को अपने पक्ष में बताया था।
मुख्य मुकाबला: एनडीए बनाम महागठबंधन
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और महागठबंधन (एमजीबी) के बीच है।
एनडीए में शामिल दल: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल (यूनाइटेड) [जद(यू)], लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर), राष्ट्रीय लोक मोर्चा।
महागठबंधन का नेतृत्व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कर रहा है। इसके अन्य घटक दल हैं:
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी), [सीपीआई-एमएल], भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी)।
तीसरा मोर्चा: जन सुराज पार्टी
बिहार में इस बार तीसरा मोर्चा भी उभरा है — प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी जिसने सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा है।
2020 के चुनावों का संदर्भ
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हुए थे। उस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 125 सीटें जीती थीं, जबकि महागठबंधन (एमजीबी) को 110 सीटें मिली थीं।
मुख्य दलों का प्रदर्शन इस प्रकार था:
जनता दल (यूनाइटेड) — 43 सीटें, भारतीय जनता पार्टी — 74 सीटें, राष्ट्रीय जनता दल — 75 सीटें, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस — 19 सीटें, जद(यू) ने 115 सीटों पर, भाजपा ने 110 पर, राजद ने 144 पर और कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक एक्जिट पोल्स के इन नतीजों से यह संकेत मिल रहा है कि बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बनने के आसार हैं। वहीं, महागठबंधन को उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन न मिलने की आशंका जताई जा रही है। अब सभी की निगाहें चुनाव परिणामों पर हैं जो यह तय करेंगे कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता में लौटेंगे या बिहार की राजनीति में नया मोड़ आएगा।