तेजस्वी यादव का बिहार को “सबसे विकसित राज्य” बनाने का वादा, मीसा भारती ने महागठबंधन की जीत का दावा किया

तेजस्वी यादव का विकास एजेंडा – बिहार को देश का मॉडल बनाने का वादा

By श्वेता सिंह

Nov 10, 2025 19:14 IST

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से एक दिन पहले महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव फिर जनता को अपनी ओर करने की आखिरी कोशिश की। वोटरों का दिल जीतने के लिए एक बार फिर सरकार बनने पर तमाम बदलाव करने के वादे किये। इसी क्रम में तेजस्वी ने बिहार को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने का दावा किया।

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “बिहार सबसे विकसित राज्य बनेगा। पिछले 20 सालों में कोई सफलता नहीं मिली। अब 14 नवंबर के बाद बिहार अपनी सफलता की कहानी लिखेगा। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ, कृषि आधारित उद्योग, शिक्षा और चिकित्सा की सुविधाएं, रोजगार के अवसर, आईटी हब और एजुकेशनल सिटी बनेंगी। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनेंगे। हम सुनिश्चित करेंगे कि कोई बिहारी दूसरे राज्य न जाए।”

चुनावी प्रचार में जनसभाओं की भूमिका

तेजस्वी यादव ने बताया कि उनके अभियान के दौरान 171 जनसभाएं आयोजित की गईं जो लगभग हर जिले में पहुंच गईं। उनका कहना था कि समाज के सभी वर्गों के लोग बदलाव और विकास की मांग कर रहे हैं और पहले चरण के मतदान में लोगों ने ऐतिहासिक 65.08 प्रतिशत मतदान कर अपना उत्साह दिखाया।

मीसा भारती का महागठबंधन के पक्ष में मजबूत बयान

बिहार चुनाव में महागठबंधन की जीत को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता उत्साहित नजर आ रहे हैं। इधर तेजस्वी यादव की बहन और सांसद मीसा भारती ने भाजपा और एनडीए के दावों का जवाब देते हुए कहा कि बिहार में महागठबंधन की जीत तय है। राजद सांसद मीसा भारती ने एनडीए पर तंज कसते हुए कहा कि जैसे भाजपा लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटों के अपने दावे को पूरा नहीं कर सकी, वैसे ही बिहार विधानसभा चुनाव में भी उसके दावे अधूरे रह जाएंगे।

मीसा भारती ने बिहार की जनता की जागरूकता और समझदारी की ओर इशारा करते हुए कहा कि लोग जानते हैं कि अपने बच्चों के भविष्य के लिए किसे वोट देना है। उन्होंने सभी मतदाताओं से मतदान के लिए सक्रिय भागीदारी की अपील की। उनका यह बयान महागठबंधन के आत्मविश्वास और चुनावी रणनीति की प्रमुख पहचान बन गया है।

एनडीए की स्थिति और नीतीश कुमार का चेहरा

भाजपा और एनडीए ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नीतीश कुमार को ही घोषित किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्पष्ट किया कि इसमें कोई भ्रम नहीं है।

एनडीए का चुनावी एजेंडा स्थायित्व और प्रशासनिक अनुभव पर आधारित है जबकि महागठबंधन ने बदलाव और युवा रोजगार को केंद्र में रखा है।

आरक्षण और जातीय गणना पर सियासी टकराव

चुनावी माहौल में आरक्षण और जातीय गणना भी प्रमुख मुद्दा बने। कांग्रेस नेता उदित राज ने नीतीश कुमार और भाजपा पर बिहार में आरक्षण सीमा बढ़ाने और जातीय जनगणना का विरोध करने का आरोप लगाया।

तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बिहार की जनता से “आरक्षण में धोखा” देने का आरोप लगाया।

वहीं, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने राजद और लालू परिवार पर आरक्षण विरोध का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा हमेशा सामाजिक न्याय और आरक्षण के पक्ष में रही है।

मतदान और चुनावी संकेत

दूसरे चरण में 20 जिलों की 122 विधानसभा सीटों पर कल 11 नवंबर को मतदान होगा और परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

विश्लेषण से पता चलता है कि यह चुनाव विकास बनाम स्थायित्व और परिवर्तन बनाम अनुभव के एजेंडे पर लड़ा जा रहा है। तेजस्वी यादव युवा मतदाताओं और बेरोज़गारी मुद्दे को मुख्य एजेंडा बना रहे हैं जबकि एनडीए स्थिर शासन और प्रशासनिक अनुभव को प्राथमिकता दे रहा है।

बिहार की जनता इस बार यह तय करेगी कि वे रोजगार, शिक्षा और विकास पर आधारित बदलाव को चुनेंगे या स्थिर शासन और अनुभव को।मीसा भारती के आत्मविश्वासी बयान और तेजस्वी यादव के विकास वादे से स्पष्ट है कि महागठबंधन युवा और बेरोजगार मतदाताओं को आकर्षित करने की रणनीति पर काम कर रहा है। एनडीए का फोकस सत्ता और स्थायित्व बनाए रखने पर है। इस चुनाव के परिणाम राज्य के भविष्य की दिशा और राजनीतिक संतुलन तय करेंगे।

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