बेगूसरायः बिहार चुनाव के दौरान मुस्लिम समुदाय पर टिप्पणी कर बुरे फंसे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को सफाई दी। चुनाव के संवेदनशील माहौल में उनकी टिप्पणी से राजनीतिक माहौल में गर्मी आ गयी है और उनकी सफाई के बाद तो उनकी और थुक्काफजीहत हो रही है। मुसलमानों को लक्षित कर दिए गए अपने ‘नमक हराम’ बयान का बचाव करते हुए गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में हिंदू और मुस्लिम के बीच कोई भेदभाव नहीं किया गया है।
बेगूसराय में एएनआई से बात करते हुए सिंह ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि उनके धर्म में ‘हराम’ खाना गलत है। इस्लाम कहता है कि मुफ्त का खाना खाना ‘हराम’ है। क्या वे 5 किलो राशन नहीं ले रहे? क्या हिंदू और मुस्लिम दोनों को प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला? क्या दोनों को शौचालय नहीं मिला? क्या नल-जल योजना, गैस सिलेंडर या 5 किलो राशन में हिंदू और मुस्लिम में कोई भेदभाव था?
एक दिन पहले शनिवार को अरवल में भाजपा की एक रैली के दौरान विपक्षी महागठबंधन को संबोधित करते हुए मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि मुसलमान केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उठाते हैं,लेकिन भाजपा को वोट नहीं देते। जो लोग उपकार को नहीं मानते, उन्हें ‘नमक हराम” कहते हैं। हमें ऐसे नमक हरामों के वोट नहीं चाहिए।
उनकी इस टिप्पणी की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि वे भाषा की सारी सीमाएं पार कर रहे हैं। सब जानते हैं किसने देश से गद्दारी की थी और कौन अंग्रेज़ों के साथ खड़ा था। गिरिराज को वह इतिहास याद करना चाहिए।
शिवसेना नेता संजय राउत ने गिरिराज सिंह से पूछा कि अगर कोई आपको वोट नहीं देता तो क्या वे सब नमक हराम हैं? उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह का दावा पूरी तरह असत्य है कि मुसलमान केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उठाते हैं पर भाजपा को वोट नहीं देते। 2014 में बड़ी संख्या में मुसलमानों ने मोदी को वोट दिया था और भाजपा को बिहार और उत्तर प्रदेश में वोट मिले थे। राउत ने कहा कि आपको किसने अधिकार दिया कि आप किसी एक विशेष समुदाय के बारे में इस तरह की बातें करें? क्या हिंदुओं ने हर जगह आपको वोट दिया है। महाराष्ट्र, बंगाल, केरल, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक में हिंदुओं ने आपको वोट नहीं दिया तो क्या आप उन्हें भी नमक हराम कहेंगे। गिरिराज सिंह, आप ‘वोट चोरी’ से सत्ता में हैं। जब हिंदू भी आपको वोट नहीं देते तो क्या आप उन्हें भी 'नमक हराम' कहेंगे? प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिपरिषद से निकाल देना चाहिए।