चुनाव होने में बस एक दिन बाकी है। बिहार में पहले चरण का मतदान गुरुवार को है। इसका प्रचार मंगलवार को थम गया और उसी दिन राजद नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने महिला मतदाताओं का दिल जीतने के लिए एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने घोषणा की कि अगर गठबंधन सत्ता में आया तो बिहार की महिलाओं को एकमुश्त 30,000 रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने किसानों और सरकारी कर्मचारियों के लिए भी कई घोषणाएं कीं।
कांग्रेस और राजद के संयुक्त घोषणापत्र में आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े समुदायों की महिलाओं को आर्थिक मदद का भी वादा किया गया है। तेजस्वी ने आज इस बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि 'माई बहन मान योजना' के तहत गठबंधन सरकार हर महिला को 30,000 रुपये देगी यानी हर महीने 2,500 रुपये। तेजस्वी ने इसी दिन पैसे भेजने की तारीख का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा, 'मकर संक्रांति के दिन यानी 14 जनवरी को बिहार की महिलाओं के खातों में 30,000 रुपये भेजे जाएंगे।'
पटना में एक जनसभा में तेजस्वी ने ढेरों वादे किए। उन्होंने कहा, "ये आपकी सरकार है। मकर संक्रांति के दिन घर-घर दही, चिड़े और तिल के लड्डू खिलाए जाते हैं। उस दिन हम महिलाओं के खातों में पूरे 30,000 रुपये भेजेंगे। यह सरकार की ओर से अभिभावकों को एक प्रतीकात्मक तोहफा होगा।" उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन सरकार के लिए किसानों का विकास प्राथमिकता है। तेजस्वी ने वादा किया, "मैं धान पर 300 रुपये प्रति क्विंटल और गेहूं पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से 400 रुपये अधिक बोनस दूंगा।" उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, "अब किसानों का नहीं, दलालों का भला हो रहा है।"
तेजस्वी ने दावा किया कि पूरे बिहार में बदलाव की बयार बह रही है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता परिवर्तन बस समय की बात है। तेजस्वी ने कहा, 'आम जनता 20 साल से राज कर रही सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए तैयार है। हम जीतेंगे, बिहार की जनता जीतेगी।' उन्होंने आत्मविश्वास भरे लहजे में कहा, 'हम 18 नवंबर को शपथ लेंगे।'
बदलाव की इस बयार में तेजस्वी ने सरकारी कर्मचारियों के लिए भी कई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा, 'अगर गठबंधन सरकार सत्ता में आती है तो सभी सरकारी कर्मचारियों को उनके घर से 70 किलोमीटर के दायरे में पोस्टिंग मिलेगी।' उन्होंने दावा किया कि इससे सरकारी कर्मचारियों की परेशानी कम होगी और उनकी कार्यकुशलता बढ़ेगी। तेजस्वी ने यह भी कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण समिति के प्रतिनिधियों को जनप्रतिनिधि का दर्जा दिया जाएगा। राजद नेता ने कहा, 'वे राज्य की अर्थव्यवस्था के मुख्य स्तंभ हैं। उन्हें बहुत पहले ही जनप्रतिनिधि का दर्जा दे दिया जाना चाहिए था।'