महागठबंधन संकट में, JMM ने बिहार विधानसभा चुनाव से नाम वापस क्यों लिया?

हेमंत की पार्टी के यू-टर्न को लेकर बिहार की राजनीति में खूब चर्चा हो रही है। झामुमो की पुरानी सहयोगी राजद और कांग्रेस के बीच तनातनी साफ दिख रही है।

By Kaushik Bhattacharya, Posted by: Shweta Singh

Oct 21, 2025 17:17 IST

बिहार विधानसभा चुनाव के दिन जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं बिहार में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है। एनडीए गठबंधन ने अपना घर संभाल लिया है लेकिन भारत गठबंधन पूरी तरह से बिखरा हुआ है। इस बीच हेमंत सोरेन ने सोमवार को घोषणा की है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) बिहार चुनाव नहीं लड़ेगा। लेकिन क्यों?

शुरुआत में यह तय हुआ था कि झामुमो बिहार विधानसभा चुनाव इंडिया गठबंधन के साथ लड़ेगा लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों में तीखी असहमति थी। रविवार को हेमंत पार्टी ने अचानक घोषणा कर दी कि वह बिहार में छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। हालांकि 24 घंटे से भी कम समय बाद हेमंत की पार्टी ने विधानसभा चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया।

हेमंत की पार्टी के इस यू-टर्न की बिहार की राजनीति में खूब चर्चा हो रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के एक वर्ग के अनुसार लालू प्रसाद यादव की राजद और उनके पुराने सहयोगी हेमंत और कांग्रेस के बीच तनाव साफ दिख रहा है। झामुमो ने बिहार चुनाव न लड़ने के लिए भी इन दोनों दलों को जिम्मेदार ठहराया है। उसने साफ तौर पर कहा है कि उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश रची गई है।

पार्टी की ओर से झारखंड के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि यह फैसला कांग्रेस और राजद की साजिश को नाकाम करने के लिए है।

दिलचस्प बात यह है कि झारखंड में हेमंत सोरेन कांग्रेस और राजद के साथ गठबंधन में सरकार चला रहे हैं। बिहार में गठबंधन टूटने के बाद झारखंड में क्या होगा इसे लेकर कई लोगों में उत्सुकता है।

हालांकि सुदिव्य ने यह भी साफ कर दिया है कि हम इस पर विचार कर रहे हैं कि झारखंड में कांग्रेस और राजद के साथ हमारा गठबंधन जारी रहेगा या नहीं। दोनों दलों को इस अपमान का करारा जवाब दिया जाएगा। झामुमो ने यह भी कहा है कि वे अब बिहार में किसी भी दल का समर्थन नहीं करेंगे। झारखंड के पर्यटन मंत्री ने कहा कि महागठबंधन को इसके परिणाम भुगतने होंगे।

एनडीए ने 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर दी है। भाजपा और जदयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। बाकी 29 सीटों पर चिराग पासवान की लोजपा (आर), जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा चुनाव लड़ेंगे।

दूसरी ओर महागठबंधन की हालत खस्ता है। बिहार में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होंगे लेकिन अभी तक कोई भी सहयोगी दल सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दे पाया है। लालू की राजद ने एकतरफा 143 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। गठबंधन की प्रमुख सहयोगी कांग्रेस ने भी 60 सीटों और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। झामुमो को अकेले 6 सीटों पर चुनाव लड़ना था। इस बार उन्होंने चुनाव से नाम वापस ले लिया है।

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