पटनाःबिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल गर्म होता जा रहा है। विपक्षी महागठबंधन ने आखिरकार अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर तेजस्वी यादव का नाम घोषित कर दिया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने महागठबंधन में बिखराव को संभालते हुए मुख्यमंत्री के लिए तेजस्वी यादव के नाम का समर्थन किया। यह घोषणा महागठबंधन के अंदर एकता को दर्शाती है, जो राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर की राजनीतिक हलचलों के बीच बिहार की सत्ता पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है। महागठबंधन की तरफ से उपमुख्यमंत्री पद के लिए वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के नाम पर सहमति बनी है
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद कहा कि महागठबंधन के सभी दल बिहार की प्रगति के लिए एकजुट हैं। हम सिर्फ सरकार बनाने या मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं हैं, बल्कि बिहार को बदलने के लिए आए हैं उन्होंने कहा कि बिहार में जो डबल इंजन सरकार 20 साल से है, वह भ्रष्ट और बेकार है, उसे महागठबंधन हटाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है।
तेजस्वी ने दावा किया कि अगर जनता महागठबंधन को 20 महीने का मौका देती है तो वे 20 सालों के काम को पूरा कर देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके शासनकाल में हर परिवार में एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिलेगी।
महागठबंधन में शामिल सभी प्रमुख दलों ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा मानते हुए एकता का भरोसा दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने भी तेजस्वी यादव के समर्थन में कहा कि वे युवा हैं और जनता उनका समर्थन करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन पूरी तरह से एकजुट है और सीटों के वितरण को लेकर हुए मतभेद छोटे हैं। सीपीआई नेता राम नरेश पांडे ने तेजस्वी को भविष्य का मुख्यमंत्री करार दिया। सीपीआई(एमएल) के दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि तेजस्वी यादव के अलावा किसी और मुख्यमंत्री चेहरे की चर्चा करना निरर्थक है। वहीं, राजद नेता मृदुल तिवारी ने तेजस्वी यादव को जनता का प्रमुख नेतृत्वकर्ता बताते हुए कहा कि बिहार के लोग तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और उनकी उम्मीदवारी को मंजूरी दे चुके हैं।
भाजपा और एनडीए पर तेजस्वी यादव का हमला
तेजस्वी यादव ने एनडीए गठबंधन और भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अभी तक अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के लिए यह आखिरी चुनाव है और भाजपा के दबाव में उनकी पार्टी जेडीयू कमजोर हो रही है। अमित शाह ने साफ कर दिया है कि विधायक संख्या ही मुख्यमंत्री तय करेगी। इस बार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं होंगे। तेजस्वी ने एनडीए गठबंधन के अंदर छुपे मतभेदों का भी जिक्र किया।
पप्पू यादव का नीतीश को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता
स्वतंत्र सांसद पप्पू यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल होने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा नीतीश कुमार को पीछे से छुरा मार रही है और उन्हें इससे बचना चाहिए। पप्पू ने नीतीश के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि वे बिहार के लिए अच्छे नेता हैं। हालांकि, पप्पू यादव ने महागठबंधन के प्रचार सामग्री में तेजस्वी यादव की प्रमुखता पर सवाल उठाए और कहा कि गठबंधन के अन्य नेताओं की भी तस्वीरें प्रचार में होनी चाहिए ताकि सही संदेश जाए।
महागठबंधन में कुछ सीटों पर 'दोस्ताना मुकाबला’
महागठबंधन ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है, जबकि एनडीए गठबंधन में भी सीट बंटवारे के बाद चुनावी प्रचार जोरों पर है। महागठबंधन ने कुछ सीटों पर 'दोस्ताना मुकाबले' की अनुमति दी है, जिससे गठबंधन में छोटे विवाद भी सामने आए हैं, लेकिन गठबंधन नेताओं ने इसे मामूली बताया है।
तेजस्वी का चेहरा भाजपा एनडीए के लिए चुनौती
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में उभरने से राज्य की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। महागठबंधन की यह रणनीति भाजपा और एनडीए को चुनौती देने वाली है। वहीं,राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह चुनाव बिहार के लिए परिवर्तन और विकास की दिशा तय करेगा।