बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मंगलवार को विपक्षी महागठबंधन ने पटना में अपना घोषणापत्र जारी किया। “बिहार का तेजस्वी प्रण पत्र” शीर्षक से जारी इस दस्तावेज़ में राजद नेता और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने कई बड़े वादे किए हैं। इसमें हर घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, 200 यूनिट फ्री बिजली, महिलाओं को मासिक आर्थिक सहायता और किसानों को एमएसपी की गारंटी जैसे बड़े ऐलान शामिल हैं।
घोषणापत्र जारी करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार को “देश का नंबर वन राज्य” बनाना उनका लक्ष्य है और यह दस्तावेज़ “वादों का नहीं, बल्कि संकल्पों का पत्र” है।
घोषणापत्र जारी करने के अवसर पर मंच पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, वीआईपी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी, तथा भाकपा (माले) के नेता दीपांकर भट्टाचार्य मौजूद थे।
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनने के 20 महीने के भीतर हर घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। उन्होंने दावा किया, “हम झूठे और टूटे-फूटे वादे नहीं करते। बिहार की जनता सृजन घोटाले और बालिका गृह कांड वालों को सबक सिखाएगी। जिस परिवार में कोई सरकारी नौकरी नहीं है, उस परिवार को हम रोजगार देंगे। यह हमारा प्रण है, जुमला नहीं।”
घोषणापत्र के मुख्य बिंदु
महागठबंधन के ‘तेजस्वी प्रण पत्र’ में कुल 20 प्रमुख घोषणाएं शामिल की गई हैं जिनमें सामाजिक सुरक्षा, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
घोषणापत्र की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं —
-हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली।
-भूमिहीन परिवारों को 5 डिसमिल जमीन दी जाएगी।
-महिलाओं के लिए ‘माई-बहन मान योजना’, जिसके तहत ₹2500 प्रतिमाह सहायता।
-पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी।
-वृद्ध और विधवा पेंशन ₹1500 प्रतिमाह।
-प्रतियोगिता परीक्षाओं के फॉर्म और शुल्क समाप्त।
-हर अनुमंडल में महिला कॉलेज की स्थापना।
-शिक्षकों और स्वास्थ्यकर्मियों को गृह जिला से 70 किमी के दायरे में तैनाती।
-किसानों के लिए सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी।
-जन स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत 25 लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा।
-मनरेगा मजदूरी ₹255 से बढ़ाकर ₹300 प्रतिदिन।
-अति पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 20% से बढ़ाकर 30%।
-दिव्यांग पेंशन ₹3000 प्रतिमाह।
-महिलाओं को राज्य परिवहन की मुफ्त यात्रा सुविधा, इसके लिए 2000 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी।
-आशा, ममता और रसोइयों का मानदेय बढ़ाया जाएगा।
-वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा का वादा।
कांग्रेस का एनडीए पर निशाना – “उनका जुमला, हमारा प्रण”
घोषणापत्र जारी करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि महागठबंधन ने सबसे पहले मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए और अब सबसे पहले घोषणापत्र भी जारी किया। खेड़ा ने कहा, “एनडीए के वादे सिर्फ जुमले हैं जबकि हमारा प्रण है। हमने पहले दिन से तय किया था कि बिहार के लिए क्या करना है। हमें बिहार को फिर से पटरी पर लाना है।”
तेजस्वी ने पूछा – “एनडीए बताए उनका विज़न क्या है?”
राजद नेता तेजस्वी यादव ने सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन पर सीधा हमला बोला और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के विकास पर बात करने के बजाय केवल विपक्ष को कोसते हैं। तेजस्वी ने कहा, “हमारा विज़न साफ है – बिहार को नंबर वन बनाना लेकिन एनडीए बताए कि उनका मुख्यमंत्री चेहरा कौन है और बिहार के लिए उनका रोडमैप क्या है?”
एनडीए का घोषणापत्र 30 अक्टूबर को
वहीं, सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन अपना घोषणापत्र 30 अक्टूबर को जारी करने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, एनडीए का घोषणापत्र ‘विकसित बिहार’ शीर्षक से जारी होगा और इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और युवाओं के मुद्दों पर फोकस होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी दिन मुजफ्फरपुर और छपरा में जनसभाओं को संबोधित करेंगे जहां घोषणापत्र के कुछ अंशों की औपचारिक घोषणा की जा सकती है।
दो चरणों में होंगे विधानसभा चुनाव
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए मतदान दो चरणों — 6 और 11 नवंबर को होगा जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं जबकि वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया है।
राजनीतिक संदेश और समीकरण
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, ‘तेजस्वी प्रण पत्र’ सिर्फ घोषणाओं का दस्तावेज़ नहीं बल्कि युवा नेतृत्व को केंद्र में रखकर बनाई गई राजनीतिक रणनीति है। तेजस्वी ने युवाओं, महिलाओं और किसानों पर खास ध्यान देकर राज्य के पारंपरिक वोट समीकरणों में नई ऊर्जा भरने की कोशिश की है। अब सबकी नज़रें एनडीए के “विकसित बिहार” घोषणापत्र पर हैं जिससे यह तय होगा कि आने वाले दिनों में बिहार की चुनावी लड़ाई “प्रण बनाम विकास” के एजेंडे पर केंद्रित होगी या नहीं।