पटनाः बिहार से शुरुआत हुई थी। सोमवार को और 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची में विशेष गहन संशोधन (SIR) की घोषणा चुनाव आयोग ने की है। इसी के साथ इस मुद्दे पर अब जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर SIR के विरुद्ध सक्रिय हो गए हैं। भाजपा पर व्यंग्य करते हुए उन्होंने कहा भाजपा चाहे जितना SIR या FIR करे, अगर आम लोग एक बार उनके विरुद्ध हो जाएं तो कोई उन्हें बचा नहीं सकता।'
प्रशांत का कहना है कि बिहार में SIR से कोई फायदा नहीं हुआ है। भाजपा किसी का नाम हटा सकती है, डरा सकती है, परेशान कर सकती है। लेकिन आम लोग एक बार उनके विरुद्ध हो जाएं तो चाहे जितना SIR या FIR करें, बचा नहीं सकते। इससे पहले भी SIR को बीजेपी की साजिश बताकर प्रशांत किशोर सक्रिय हुए थे। पिछले जुलाई महीने में बिहार के किशनगंज की एक सभा में उन्होंने कहा था, 'सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि नागरिकता निर्धारण का कोई अधिकार चुनाव आयोग के पास नहीं है। फिर भी यह प्रक्रिया कैसे चल रही है? 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं। क्या वह मतदाता सूची गलत थी?'
उल्लेखनीय है कि सोमवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR शुरू करने की घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने की। पहले चरण में बिहार में हुआ है। दूसरे चरण में पश्चिम बंगाल के अलावा तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश राज्यों में और केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप, पुदुचेरी, अंडमान व निकोबार में मतदाता सूची में गहन संशोधन होगा।
चुनाव आयोग की सूची के अनुसार, 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक बीएलओ को प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही एन्यूमेरेशन फॉर्म छापने का काम चलेगा। इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर जाकर वह एन्यूमेरेशन फॉर्म दिया जाएगा। मसौदा मतदाता सूची 9 दिसंबर को प्रकाशित होगी। किसी का नाम छूट जाए तो 8 जनवरी तक शिकायत दर्ज कराई जा सकेगी। अगले चरण में 31 जनवरी तक सभी शिकायतों की जांच की जाएगी। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी को प्रकाशित होगी।