पटनाः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को महागठबंधन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी दलों ने ऐसे लोगों को चुनावी टिकट दिए हैं, जिनका अतीत आपराधिक रहा है, जबकि एनडीए ने युवा चेहरों को मौका दिया है।
एएनआई से बातचीत में ठाकुर ने कहा, 'एनडीए ने कई युवा उम्मीदवारों को टिकट दिया है ताकि वे बिहार के युवाओं के लिए काम कर सकें। इसके विपरीत, विपक्ष ने ऐसे लोगों को मैदान में उतारा है जो या तो खुद विवादित हैं या फिर ताकतवर लोगों के बेटे हैं।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता लालू प्रसाद यादव एक बार फिर बिहार में 'जंगलराज' लाना चाहते हैं। ठाकुर ने कहा कि बिहार की जनता अब विकास चाहती है। वह पुराने हालात की वापसी नहीं चाहती।
उन्होंने दावा किया कि एनडीए ने चुनावी तैयारी में बढ़त बना ली है, जबकि महागठबंधन अंदरूनी मतभेदों से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि हमने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है और नामांकन भी दाखिल कर रहे हैं। वहीं, महागठबंधन के भीतर अब भी सीटों के बंटवारे को लेकर असहमति है। यहां तक कि खुद लालू के खिलाफ भी नाराज़गी के स्वर उठ रहे हैं।
चुनाव कार्यक्रमः मालूम हो कि विधानसभा चुनावों के पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर है, जबकि दूसरे चरण के लिए यह 20 अक्टूबर है।
अनुराग ठाकुर की दलीलों का खोखलापनः विपक्षी नेताओं का कहना है कि अनुराग ठाकुर यह आदर्श की बातें बोलते समय वस्तुस्थिति को भूल गये कि 18वीं लोकसभा में चुने गये 543 सांसदों में से 46 प्रतिशत यानी 251 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से दो दर्जन से अधिक पर सांसदों को अलग-अलग अदालतों से दोषी करार दिया जा चुका है। एसोसिएशन आफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक दागी सांसदों का यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले 2019 में आपराधिक मामलों वाले 233 यानी 44 प्रतिशत सांसद लोकसभा पहुंचे थे।मोदी सरकार के 39 प्रतिशत मंत्री भी दागी हैं। इन सासंदों पर कई तरह के आपराधिक मामले दर्ज हैं।