बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच एक बार फिर सियासी मंच पर फिल्मी सितारों की दस्तक देखने को मिल रही है। पर्दे पर जनता के हीरो बनने वाले कई अभिनेता अब असल जिंदगी में जनसेवा का सपना लेकर चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। खासकर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों की राजनीति में बढ़ती भागीदारी ने इस बार के चुनाव को और भी रोचक बना दिया है।
भोजपुरी सितारे चुनावी रणभूमि में
भोजपुरी इंडस्ट्री के बड़े चेहरे जैसे मनोज तिवारी, रवि किशन और दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ पहले ही सियासी मैदान में अपने पैर जमा चुके हैं। मनोज तिवारी लगातार तीसरी बार उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद चुने गए हैं और राजधानी की राजनीति में बड़ा नाम बन चुके हैं। वहीं, रवि किशन भी गोरखपुर से दूसरी बार जीतकर संसद पहुंचे हैं। दोनों नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बड़ी सफलता हासिल की है।
‘निरहुआ’ यानी दिनेश लाल यादव ने आजमगढ़ से जीत दर्ज कर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। हालांकि इन सितारों की राह इतनी आसान नहीं रही — फिल्मों की तरह यहां सिर्फ संवाद और अभिनय से काम नहीं चलता, बल्कि जनता का विश्वास और सतत प्रयास जरूरी होता है।
अब खेसारी लाल यादव की बारी?
भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव भी अब राजनीति की ओर बढ़ चले हैं। राजद में शामिल होकर उन्होंने सक्रिय राजनीति की शुरुआत की, और उनकी पत्नी चंदा यादव को भी पार्टी ने टिकट दिया। हालांकि तकनीकी कारणों से वह चुनावी प्रक्रिया से बाहर हो गईं, अब खेसारी खुद चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। छपरा सीट से उनकी टक्कर भाजपा की उम्मीदवार छोटी कुमारी से मानी जा रही है।
पवन सिंह का यू-टर्न, पत्नी सुर्खियों में
भोजपुरी के लोकप्रिय गायक और अभिनेता पवन सिंह भी एक समय भाजपा के संभावित उम्मीदवार माने जा रहे थे, लेकिन आखिरी वक्त पर उन्होंने चुनाव न लड़ने की घोषणा की। उनकी निजी जिंदगी, खासकर पत्नी ज्योति सिंह के साथ विवादों के चलते उनका राजनीतिक सफर शुरू होने से पहले ही ठहर गया। अब खबर है कि ज्योति सिंह कराकट सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं, हालांकि इस पर स्पष्टता नहीं है।
सुशांत सिंह की बहन दिव्या गौतम भी मैदान में
बॉलीवुड अभिनेता दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत की ममेरी बहन दिव्या गौतम को भी सीपीआई (एम) ने दीघा सीट से उम्मीदवार बनाया है। यह नाम चर्चा में है और उन्हें सुशांत के नाम से सहानुभूति वोट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
अक्षरा सिंह, रानी चटर्जी और अन्य महिलाएं
भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने साल 2023 में जनसुराज पार्टी जॉइन की थी और अब नई राजनीतिक पारी शुरू करने की चर्चाएं जोरों पर हैं। रानी चटर्जी भी कभी सियासी मैदान में उतरने की इच्छुक रहीं हैं, लेकिन फिलहाल राजनीतिक गतिविधियों से दूर हैं।
बॉलीवुड के दिग्गज भी पीछे नहीं
भोजपुरी कलाकारों के साथ-साथ बॉलीवुड के दिग्गज सितारे भी सियासत में लगातार सक्रिय हैं। राज बब्बर जैसे अभिनेता तीन दशक से राजनीति में हैं और संसद से लेकर राज्यसभा तक पहुंच चुके हैं। शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा से लेकर कांग्रेस और फिर टीएमसी तक का सफर तय कर चुके हैं और वर्तमान में आसनसोल से टीएमसी सांसद हैं। वहीं सनी देओल और मिथुन चक्रवर्ती जैसे नाम भी राजनीति में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
स्टारडम से नहीं, काम से मिलती है जीत
हालांकि फिल्मी लोकप्रियता का सीधा संबंध राजनीतिक सफलता से नहीं होता। कई बार बड़े सितारे जनता से जुड़ाव के अभाव में चुनाव हार भी जाते हैं। असली राजनीति में जनता की सेवा, जमीनी समझ और मुद्दों पर पकड़ जरूरी होती है — सिर्फ कैमरे के सामने की लोकप्रियता से वोट नहीं मिलते।
राजनीति में अभिनेताओं की भागीदारी अब कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार बिहार चुनाव में खासतौर पर भोजपुरी सितारों की सक्रियता ने सियासी माहौल को और दिलचस्प बना दिया है। अब देखना यह है कि ये सितारे जनता की कसौटी पर कितना खरे उतरते हैं। क्या उनका स्टारडम वोटों में बदलेगा या फिर राजनीति का असली चेहरा उन्हें रील से रियल जिंदगी का फर्क सिखाएगा?
राजनीति और सिनेमा, दोनों ही जनभावनाओं से गहराई से जुड़े हैं। लेकिन जहां एक मंच पर अभिनय चलता है, वहीं दूसरे मंच पर असली ज़िम्मेदारी निभानी होती है। अब वक्त बताएगा कि इन सितारों की चमक सियासत के आसमान में कितनी दूर तक जाती है।