पटना। बिहार के चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की बड़ी घोषणा। AIMIM ने बिहार में 100 सीटों पर लड़ने की योजना बनायी है। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी बिहार में जितनी सीटों पर लड़ने वाली है, वह पिछली बार के चुनाव में उनकी लड़ी गई सीटों की तुलना में पांच गुना ज्यादा है। लंबे समय से बिहार के चुनाव में कांग्रेस-राजद खेमा और भाजपा खेमे के बीच लड़ाई देखी गई है। इस बार अलग से AIMIM लड़े तो विशेषज्ञों के मुताबिक कई सीटों पर त्रिकोणीय लड़ाई हो सकती है। असदुद्दीन ओवैसी के बयान कुछ वैसे ही संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिहार में उनकी पार्टी बिहार में 'तीसरा मोर्चा' बनाने के लक्ष्य से ही लड़ेगी।
PTI को दिए गए साक्षात्कार में AIMIM के बिहार राज्य अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने कहा है, 'हमारा लक्ष्य 100 सीटों पर लड़ना है। NDA और महागठबंधन हमारी ताकत समझेंगे।' बिहार में कांग्रेस, राजद खेमा इंडिया महागठबंधन नाम से जाना जाता है। उन्होंने दावा किया, 'मैंने लालू यादव और तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर गठबंधन के लिए कहा था, यह अब सबको पता है लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।'
हालांकि अब भी AIMIM नेतृत्व ने गठबंधन की संभावना भी खारिज नहीं की है। अख्तरुल इमान ने कहा है, 'हमारा प्रभाव बढ़ाने के लिए जो जो जरूरी है हम करेंगे। समान सोच वाले दलों से बात कर रहे हैं अगर तीसरा मोर्चा बनाया जा सके।'
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में मायावती की बसपा और अब लुप्त हो चुकी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के साथ समझौता कर चुनाव लड़ा था। बिहार की कुल जनसंख्या की 17 प्रतिशत आबादी मुस्लिम की है। विशेषज्ञों के मुताबिक उस हिस्से को ध्यान में रखते हुए ही AIMIM ने चुनाव में ताकत बढ़ाने की योजना बनाई है। पिछले महीने ही असदुद्दीन ओवैसी ने सीमावर्ती इलाके का दौरा किया था। उनके दौरे में किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया जैसे इलाके शामिल थे जहां अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की आबादी ज्यादा है।
6 और 11 नवंबर को बिहार में मतदान होगा। 14 नवंबर को मतगणना होगी। इससे पहले भाजपा विरोधी खेमा आरोप लगाता रहा है कि AIMIM वोट काटकर BJP को फायदा पहुंचाती है। हालांकि ओवैसी के दल ने उस आरोप को खारिज किया है। बिहार में वोट कटने पर किस खेमे को फायदा होगा, ये तो वक्त ही बतायेगा।