बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 65% से अधिक रिकॉर्ड मतदान के बाद चुनावी समर अब और गरम हो गया है। शुक्रवार को औरंगाबाद की ऐतिहासिक धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी महागठबंधन यानी RJD और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कहा कि “बिहार को फिर से जंगलराज और कट्टा सरकार की जरूरत नहीं है।”
‘कट्टा सरकार’ बनाम ‘सुशासन’ — मोदी का सीधा निशाना RJD पर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महागठबंधन के पास “वो सब कुछ है जो नौकरी और निवेश दोनों के लिए खतरा है।” उन्होंने RJD के पुराने शासनकाल की याद दिलाते हुए कहा , “ये लोग अभी से बच्चों को रंगदार बनाने की बातें कर रहे हैं। खुली घोषणा कर रहे हैं कि ‘भैया की सरकार’ आएगी तो कट्टा, दोनाली, फिरौती… यही सब चलेगा। इसलिए बिहार को इनसे सतर्क रहना है, बिहार को कट्टा सरकार नहीं चाहिए।” यह बयान RJD के ‘भैया’ शब्द पर भी राजनीतिक व्यंग्य था जो लालू प्रसाद यादव के सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ को सीधे जोड़ता है।
‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले पर हमला
औरंगाबाद की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने RJD पर सबसे तीखा वार “नौकरी के बदले जमीन” मामले को लेकर किया। उन्होंने कहा, “ये वो लोग हैं जिन्होंने नौकरी के बदले गरीबों की जमीन लिखवाई। कोर्ट ने भी माना कि यह अपराध हुआ और आज ये जंगलराज के लोग जमानत पर बाहर हैं। ऐसे लोग बिहार के युवाओं को कभी रोजगार नहीं दे सकते।” मोदी ने आगे कहा कि RJD-कांग्रेस गठबंधन के पास न नीयत है और न नीति। “बिहार के युवाओं ने इनके झूठे वादों को नकार दिया है। कांग्रेस को भी उनके वादों पर भरोसा नहीं है, इसलिए वह RJD के घोषणापत्र की बात तक नहीं करती।”
“डबल इंजन सरकार” का रिपोर्ट कार्ड पेश
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार के कामकाज का ब्योरा देते हुए कहा कि 2014 के बाद बिहार के विकास को नई गति मिली। उन्होंने कहा, “जब नीतीश कुमार को आपने मौका दिया, तब दिल्ली में RJD और कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने दिन-रात बिहार से बदला लिया और नीतीश कुमार को काम नहीं करने दिया। 2014 में जब पहली बार डबल इंजन की सरकार बनी तब हमने बिहार को विकास के लिए तीन गुना ज्यादा धन दिया।” उन्होंने दावा किया कि बिहार में पिछले कुछ वर्षों में “लाखों युवाओं की भर्ती” पारदर्शिता से हुई हैं, जबकि पहले “रिश्वत और सिफारिश” का दौर था।
अब बूथ लूट नहीं, रिकॉर्ड वोटिंग — मोदी
पहले चरण की बंपर वोटिंग को लेकर पीएम मोदी ने कहा , “हमने जंगलराज का वो दौर भी देखा है जब बूथ लूटे जाते थे, गोलियां चलती थीं और खून की नदियां बहती थीं। लेकिन आज बिहार में शांतिपूर्ण तरीके से रिकॉर्ड मतदान हुआ है। यह नया बिहार है — सुशासन और सुरक्षा वाला बिहार।” उनका यह बयान विपक्ष की तुलना में NDA के शासन को “स्थिर और सुरक्षित” दिखाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
कांग्रेस पर भी सीधा प्रहार — “उन्हें अपने साथियों पर भरोसा नहीं”
मोदी ने कांग्रेस पार्टी को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को खुद अपने साथियों पर भरोसा नहीं है। वो RJD के घोषणापत्र का नाम तक नहीं लेती बिहार के लोगों ने भी उनके झूठ के पैकेज को खारिज कर दिया है।” उन्होंने दावा किया कि बिहार का मतदाता अब “नरेंद्र-नीतीश” के ट्रैक रिकॉर्ड और सुशासन पर भरोसा करता है। रैली की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने औरंगाबाद की ऐतिहासिक विरासत को नमन किया। उन्होंने कहा, “औरंगाबाद त्याग और बलिदान की धरती है। इस मिट्टी ने अनुग्रह बाबू और जगदेव बाबू जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी दिए। गया जी और दशरथ मांझी की धरती पक्के इरादों वाली है, मैं इस मिट्टी को प्रणाम करता हूं।” यह भावनात्मक अपील न केवल स्थानीय मतदाताओं से जुड़ने का प्रयास थी, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर NDA के “विकास बनाम अराजकता” नैरेटिव को भी मजबूती देती है।
NDA बनाम INDIA गठबंधन की रणनीति का निर्णायक मोड़
पहले चरण की वोटिंग और प्रधानमंत्री मोदी की रैली ने चुनावी जंग को नया रंग दे दिया है। विश्लेषकों के मुताबिक, BJP और JDU इस बार “विकास और सुशासन बनाम अराजकता” का नैरेटिव चला रहे हैं। जबकि RJD-कांग्रेस गठबंधन “रोजगार, आरक्षण और सामाजिक न्याय” के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहा है। मोदी का ‘कट्टा सरकार’ वाला बयान NDA के चुनावी अभियान का केंद्रीय नारा बन सकता है, जैसा 2020 में “जंगलराज बनाम सुशासन” का नारा बना था।
पहले चरण के बाद बदलता समीकरण
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, पहले चरण की रिकॉर्ड वोटिंग से मतदाता की दिलचस्पी और जागरूकता बढ़ी है। यह उन वर्गों के वोट में इज़ाफा दिखाती है जो बदलाव और स्थिरता दोनों चाहते हैं। अब दूसरे चरण में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या RJD इस नैरेटिव को पलट पाती है या NDA अपनी बढ़त बरकरार रखता है।