पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण में मंगलवार को मतदाताओं ने रिकॉर्ड तोड़ मतदान किया। चुनाव आयोग के मुताबिक, शाम 5 बजे तक 67.14 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया जो कि बिहार के चुनावी इतिहास में अब तक का सबसे ऊंचा मतदान प्रतिशत है।
इस चरण में राज्य के 20 जिलों की 122 विधानसभा सीटों पर वोट डाले गए। मतदान के दौरान उत्साह, जोश और कुछ स्थानों पर तनाव दोनों ही देखने को मिला।
किशनगंज ने मारी बाजी, नवादा रहा सबसे पीछे
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, किशनगंज जिले ने 76.26 प्रतिशत मतदान के साथ पूरे राज्य में सबसे अधिक वोटिंग का रिकॉर्ड बनाया। कटिहार में 75.23 प्रतिशत, पूर्णिया में 73.79 प्रतिशत, सुपौल में 70.69 प्रतिशत, पूर्वी चंपारण में 69.02 प्रतिशत और बांका में 68.91 प्रतिशत मतदान हुआ।
वहीं नवादा जिले में मतदान का प्रतिशत सबसे कम रहा — सिर्फ 57.11 प्रतिशत। अन्य जिलों में अररिया में 67.79%, अरवल में 63.06%, औरंगाबाद में 64.48%, भागलपुर में 66.03%, जहानाबाद में 64.36%, कैमूर में 67.22%, गया में 67.50% और पश्चिम चंपारण में 69.02% मतदान दर्ज किया गया।
बगहा में बहिष्कार, जमुई और अररिया में झड़पें
बगहा क्षेत्र में करीब 15 हजार मतदाताओं ने चुनाव का बहिष्कार किया। ग्रामीणों का आरोप था कि वर्षों से इलाके में सड़क और जल निकासी जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलीं।
वहीं जमुई, अररिया और नवादा में हल्की झड़पों की घटनाएं सामने आईं, हालांकि प्रशासन ने हालात जल्द ही काबू में कर लिए।
नीतीश ने बढ़ाया कार्यकर्ताओं का मनोबल, तेजस्वी बोले — “बदलाव तय है”
दोपहर के समय जब राज्यभर में मतदान चरम पर था, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सहयोगी मंत्री विजय चौधरी के साथ पटना स्थित जदयू कार्यालय पहुंचे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की, चुनावी स्थिति की जानकारी ली और उनके समर्पण की सराहना की।
नीतीश ने कहा, “बिहार की जनता लोकतंत्र की मिसाल पेश कर रही है। मतदान का यह उत्साह राज्य की जागरूकता को दर्शाता है।”
दूसरी ओर, राजद नेता तेजस्वी यादव ने रिकॉर्ड वोटिंग पर खुशी जताई। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मन गदगद है। मेरे बिहार ने कमाल कर दिखाया है। हर जाति, हर वर्ग ने लोकतंत्र के इस महोत्सव को ऐतिहासिक बना दिया है। अब यह कदम रुकने नहीं चाहिए, बिहार अब बदलाव चाहता है।”
12 मंत्रियों की किस्मत ईवीएम में बंद
दूसरे चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के 12 मंत्रियों का भविष्य भी ईवीएम में कैद हो गया है। इनमें जदयू के विजेंद्र यादव (सुपौल), लेसी सिंह (धमदहा), जयंती कुशवाहा (अमरपुर), सुमित सिंह (चकाई), मोहम्मद जामा खान (चैनपुर) और शीला मंडल (फूलपरस) शामिल हैं।
भाजपा की ओर से प्रेम कुमार (गया), रेणु देवी (बेतिया), विजय कुमार मंडल (सिकटी), नितीश मिश्रा (झंझारपुर), नीरज बबलू (छातापुर) और कृष्णानंदन पासवान (हरसिद्धि) के भाग्य का फैसला भी इसी चरण में हुआ है।
पहले चरण का रिकॉर्ड टूटा, अब 14 नवंबर को फैसला
पहले चरण में राज्य में 65.08 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ था। दूसरे चरण में इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए बिहार ने एक बार फिर लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।
तीसरे और अंतिम चरण से पहले यह वोटिंग प्रतिशत राजनीतिक दलों के लिए नए समीकरण तैयार कर सकती है।
सभी की नजरें अब 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं, जब यह तय होगा कि बिहार किसे अपना जनादेश सौंपता है।